अरावली मुद्दे पर आंकड़ों के जाल में फंसाकर लोगों को भ्रमित कर रही है सरकार: पायलट

अरावली मुद्दे पर आंकड़ों के जाल में फंसाकर लोगों को भ्रमित कर रही है सरकार: पायलट

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  • Publish Date - December 26, 2025 / 03:55 PM IST,
    Updated On - December 26, 2025 / 03:55 PM IST

जयपुर, 26 दिसंबर (भाषा) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव सचिन पायलट ने अरावली पर्वतमाला की नयी परिभाषा को लेकर शुक्रवार को केंद्र व राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि अवैध खनन जारी है और आंकड़ों के जाल में फंसाकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।

उन्होंने यहां नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के ‘अरावली बचाओ-भविष्य बचाओ’ अभियान के तहत पैदल मार्च को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा, “हमें इस बात पर चिंतन करना होगा कि ऐसी क्या मजबूरी है। किस कारण से अरावली की पहाड़ियों को भाजपा सरकार खतरे में डाल रही है। आज भी सैकड़ों जगह अरावली की पहाड़ियों पर अवैध खनन जारी है। बच्चा-बच्चा जानता है। आप अदालत में क्या हलफनामा देते हैं, वह अलग बात है।”

पायलट ने भारतीय वन सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली में अरावली श्रृंखला में जो पर्वत आते हैं, उनमें से 1,18,000 पर्वत 100 मीटर से कम ऊंचाई वाले हैं जबकि 100 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले सिर्फ 1,048 पहाड़ हैं।

उन्होंने कहा कि चतुराई करके अदालत से अरावली पर्वत की परिभाषा तैयार कराई गई है और सरकार कहती है वह खनन पर प्रतिबंध लगा रही है, जबकि प्रतिबंध तो 2002 से ही है।

पायलट ने कहा कि खनन पर प्रतिबंध लगाने से कुछ नहीं होता बल्कि नीयत साफ होनी चाहिए।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बार-बार कह रही है कि वह राज्य को नुकसान नहीं होने देगी जबकि नुकसान तो हो रहा है, अवैध खनन जारी है, आंकड़ों के जाल में फंसाकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।

पायलट ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार धरातल पर जाकर देखे, किसके आशीर्वाद से लगातार अवैध खनन हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार अवैध खनन को नहीं रोक पा रही और अदालत में कहती है कि 100 मीटर ऊंची पहाड़ी को अरावली पर्वत माना जाएगा जबकि उससे कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को अरावली पर्वत नहीं माना जाएगा।

उन्होंने कहा कि एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में कितना प्रदूषण है, इससे कितना नुकसान हो रहा है, इस नुकसान को ये पहाड़ ही रोकते हैं, ये बात 100 मीटर की नहीं है ये बात आने वाली 100 पीढ़ियों की है।

पायलट ने कहा कि अरावली पर्वतमाला सिर्फ एक पहाड़ों का समूह नहीं है बल्कि अरावली पूरे उत्तर भारत के अधिकांश हिस्से को सुरक्षित रखती है, लाखों करोड़ों लोगों के लिए सुरक्षा कवच बनकर अरावली पर्वतमाला खड़ी है।

कांग्रेस विधायक रफीक खान ने कहा कि अरावली कोई छोटा मसला नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही नहीं, इस मामले को लेकर पूरा देश एकजुट है। खान ने कहा कि जितनी भी बातें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने कहीं, वे सब मिथ्या और तथ्यहीन हैं।

भाषा बाकोलिया पृथ्वी

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