सरकार लोकपाल की अभियोजन व जांच शाखाओं का छह माह के भीतर गठन के लिए कदम उठाए :संसदीय समिति

सरकार लोकपाल की अभियोजन व जांच शाखाओं का छह माह के भीतर गठन के लिए कदम उठाए :संसदीय समिति

  •  
  • Publish Date - March 28, 2025 / 06:39 PM IST,
    Updated On - March 28, 2025 / 06:39 PM IST

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) संसद की एक स्थायी समिति ने सरकार से छह माह के भीतर लोकपाल की अभियोजन और जांच शाखाओं के गठन के लिए कदम उठाने को कहा है।

समिति का कहना है कि लोकपाल की जांच और अभियोजन शाखाओं के गठन में विलंब से इस संस्था की, कुशलता से काम करने की क्षमता बाधित होती है।

कार्मिक, सार्वजनिक शिकायतों, विधि और न्याय संबंधी स्थायी संसदीय समिति ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की 2025-26 के लिए अनुदान की मांगों पर संसद में पेश अपनी 145 वीं रिपोर्ट में यह भी कहा कि जांचकर्ताओं, कानूनी विशेषज्ञों और अभियोजकों सहित योग्य कर्मियों की भर्ती को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा सकती है।

लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 के तहत भ्रष्टाचार विरोधी नियामक लोकपाल एक जनवरी 2014 को लागू हुआ। लेकिन अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के बाद इसने 27 मार्च, 2019 को काम शुरू किया।

अपने वैधानिक कार्यों का निर्वहन करने के लिए, अधिनियम की धारा 11 के तहत लोकपाल को एक जांच शाखा का गठन करना होता है। यह शाखा जांच के निदेशक की अध्यक्षता में गठित होती है और निर्दिष्ट लोक सेवकों तथा पदाधिकारियों द्वारा किए गए ऐसे कथित अपराध की जांच करती है जो भ्रष्टाचार की रोकथाम अधिनियम, 1988 के तहत दंडनीय है।

लोकपाल अधिनियम में एक अभियोजन शाखा के गठन का भी प्रावधान है, जिसका नेतृत्व, भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए लोक सेवकों के अभियोजन के लिए ‘अभियोजन निदेशक’ करेंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्मिक प्रशिक्षण विभाग ने समिति को बताया कि लोकपाल की जांच शाखा एवं अभियोजन शाखा के गठन पर विचार किया जा रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच शाखा एवं अभियोजन शाखा के गठन न हो पाने की वजह से इन शाखाओं से संबंधित कामकाज केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी अन्य एजेंसियों द्वारा किए जाते हैं।

समिति का कहना है कि लोकपाल की जांच और अभियोजन शाखाओं के गठन में विलंब से इस संस्था की, कुशलता से काम करने की क्षमता बाधित होती है।

भाषा

मनीषा अविनाश

अविनाश