12 वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा- यदि रद्द नहीं करते तो ठोस कारण बताएं

12 वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा- यदि रद्द नहीं करते तो ठोस कारण बताएं

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  • Publish Date - May 31, 2021 / 08:36 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:57 PM IST

नई दिल्ली, 31 मई (भाषा) । उच्चतम न्यायालय को सोमवार को बताया गया कि सरकार कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने या नहीं करने के बारे में आगामी दो दिन में अंतिम फैसला करेगी। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ को यह जानकारी दी। पीठ ने कहा कि यदि केंद्र वैश्विक महामारी के कारण शेष बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की पिछले साल की नीति से अलग फैसला करता है, तो उसे इसका ठोस कारण देना होगा।

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पीठ ने वेणुगोपाल से कहा, ‘‘कोई समस्या नहीं है। आप फैसला कीजिए। आपको ऐसा करने का अधिकार है। यदि आप पिछले साल की नीति से अलग फैसला करते हैं, तो आपको इसका ठोस कारण देना होगा।’’ उसने कहा कि पिछले साल सोच-समझकर निर्णय लिया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘यदि आप इस नीति से अलग फैसला करते हैं, तो कृपया हमें इसका ठोस कारण दीजिए, ताकि हम समीक्षा कर सकें।’’ पीठ मौजूदा हालात के मद्देनजर भारतीय विद्यालय प्रमाण-पत्र परीक्षा परिषद(सीआईएससीई) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

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शीर्ष अदालत ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पिछले साल एक जुलाई से 15 जुलाई तक होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के लिए सीबीएसई और सीआईएससीई की योजनाओं को 26 जून, 2020 को मंजूरी दे दी थी और परीक्षार्थियों के आकलन संबंधी फॉर्मूला को भी स्वीकृति दे दी थी। शुरुआत में अटॉर्नी जनरल ने पीठ से कहा, ‘‘सरकार आगामी दो दिन में अंतिम फैसला करेगी। हम उम्मीद करते हैं कि आप हमें बृहस्पतिवार (तीन जून) तक का समय देंगे, ताकि हम अंतिम आदेश के साथ पेश हो सकें।’’ वेणुगोपाल ने कहा कि पिछले साल मार्च 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाए जाने से पहले की कुछ विषयों की बोर्ड परीक्षा हो गई थी। पीठ ने कहा, ‘‘हम इस चरण पर बारीकियों में नहीं जाना चाहते। आप फैसला कीजिए। याचिकाकर्ता ने उम्मीद जताई है कि पिछले साल की नीति इस साल भी अपनाई जा सकती है। यदि आप इस नीति से अलग फैसला करते हैं, तो आपके पास इसका ठोस आधार होना चाहिए।’’ इस पर वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘आपने जो कहा है, हम उसका ध्यान रखेंगे।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हमें कोई दिक्कत नहीं है। आप हालात के आधार पर उचित फैसला करें।’’

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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ममता शर्मा ने परिणाम में देरी होने की स्थिति में उन छात्रों के सामने समस्या पैदा हो सकने का मामला उठाया, जो 12वीं कक्षा के बाद पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहते हैं। पीठ ने कहा, ‘‘उन्हें फैसला करने दीजिए। यदि पुरानी नीति से अलग फैसला होता है, तो हम गौर करेंगे। हम हमारे समक्ष सैद्धांतिक फैसला आने पर बृहस्पतिवार को इस पर विचार करेंगे।’’ उसने कहा, ‘‘सक्षम प्राधिकारी मामले संबंधी सभी पक्षों की समीक्षा कर रहे हैं और उनके सैद्धांतिक निर्णय लेने की संभावना है, जिसे न्यायालय में पेश किया जाएगा, इसलिए अटॉर्नी जनरल के अनुरोध के अनुसार मामले की आगे की सुनवाई बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित की जाए।’’ याचिका में एक निश्चित समय सीमा में 12वीं का परिणाम घोषित करने के लिए एक कार्यप्रणाली तैयार करने का भी निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है।