PM Modi-Putin Meet
नई दिल्ली: PM Modi-Putin Meet दुनिया की दो महाशक्तियां भारत और रूस जब 23वें वार्षिक वार्ता की टेबल पर एक साथ आईं तो दुनिया भऱ के मीडिया के कैमरे उस पर फोकस रहे। करीब 2 घंटे चली ये गहन बातचीत के बाद भारत और रूस की साझेदारी को 2030 तक ले जाने का पूरा खाका बना लिए जाने का ऐलान किया गया। मीटिंग के बाद दोनों नेताओं ने खुलकर दुनिया को बताया वार्ता में क्या बात हुई।
PM Modi-Putin Meet दुनिया की 2 महाशक्तियों के बीच नई दिल्ली में 23वां द्विपक्षीय वार्षिक शिखर सम्मेलन हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय बैठक के लिए हैदराबाद हाउस को पूरी तरह से सजाया गया। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति एक साथ हैदराबाद हाउस पहुंचे। दोनों ने करीब 2 घंटे तक द्विपक्षीय वार्ता की और दोनों देशों की पुरानी और पक्की दोस्ती को याद करते हुए आगे भी इसी तरह साझेदारी का वादा किया। जिसके बाद दोनों नेताओं ने प्रेस को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और रूस के बीच दोस्ती को ध्रुव तारे की तरह स्थिर बताया। उन्होंने बताया कि भारत और रूस ने 2030 तक के लिए एक इकोनॉमिक कॉपरेशन प्रोग्राम पर सहमित बनाई है। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि भारत न्यूट्रल नहीं है। भारत शांति के पक्ष में है। मोदी ने रूसी पर्यटकों को 30 दिन का फ्री वीजा देने का ऐलान भी किया।
प्रधानमंत्री मोदी के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी बात रखी। पुतिन ने कहा कि हम अनुमान लगा रहे हैं कि दोनों देश व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने के लिए तैयार हैं। पुतिन ने कहा कि पिछले साल भारत-रूस के बीच जो दोतरफा व्यापार हुआ था, वो 12% बढ़ा है। ये अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि औसतन ये लगभग 64 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। पुतिन ने ये भी कहा कि दोनों देश धीरे-धीरे अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार की ओर बढ़ रहे हैं और अभी 96% लेनदेन इसी तरह हो रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को बिना रुकावट के तेल की सप्लाई जारी रखने का ऐलान किया। हालांकि भारत-रूस के बीच किसी लड़ाकू विमान या बड़े रक्षा सौदे का ऐलान नहीं हुआ लेकिन पुतिन ने कहा कि भारत को हथियार देते रहेंगे
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-रूस बिजनेस फोरम में भी हिस्सा लिया। जहां मोदी ने 2030 से पहले ही दोनों देश के बीच का व्यापार 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की बात कही। दोनों देशों के बीच ऊर्जा, उद्योग, फूड सेफ्टी हेल्थ समुद्री लॉजिस्टिक्स माइग्रेशन और मोबिलिटी समेत कई क्षेत्रों में MoU हुए। उम्मीद है इन समझौतों से दोनों देशों के लोगों को फायदा मिलेगा।