गुजरात कांग्रेस ने मनरेगा योजना में ‘भ्रष्टाचार’ की जांच की मांग की, राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा

गुजरात कांग्रेस ने मनरेगा योजना में ‘भ्रष्टाचार’ की जांच की मांग की, राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा

गुजरात कांग्रेस ने मनरेगा योजना में ‘भ्रष्टाचार’ की जांच की मांग की, राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा
Modified Date: July 4, 2025 / 10:32 pm IST
Published Date: July 4, 2025 10:32 pm IST

गांधीनगर, चार जुलाई (भाषा) गुजरात कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्यपाल आचार्य देवव्रत को ज्ञापन सौंपकर मनरेगा और ‘नल से जल’ योजनाओं में कथित भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।

ज्ञापन में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमित चावड़ा ने यह भी कहा कि राज्य के मंत्री बच्चू खबड़, जिनके दो बेटे ऐसे ही एक घोटाले में गिरफ्तार हुए हैं, को भूपेंद्र पटेल मंत्रिमंडल से हटाया जाना चाहिए।

ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘केंद्र की कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2005 में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का ऐतिहासिक कानून बनाया था, जिसके तहत आम आदमी को घर बैठे 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया गया था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से गुजरात में मनरेगा कानून आम आदमी को रोजगार देने के बजाय सरकारी मशीनरी की मिलीभगत से पदाधिकारियों और अधिकारियों की तिजोरी भरने का कानून बन गया है।’’

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इसमें कहा गया है कि बार-बार लिखित ज्ञापन देने के बाद सरकार ने कुछ गांवों में भ्रष्टाचार की जांच कराई जिसके परिणामस्वरूप व्यापक भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ।

इसमें कहा गया है कि दाहोद जिले के धनपुर तालुका के देवगढ़बरिया की जांच में पता चला है कि 100 करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार किया गया है।

ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि खबड़ के बेटों और उनके करीबी सहयोगियों की प्रत्यक्ष संलिप्तता सामने आई है, लेकिन उन्हें अभी तक राज्य सरकार से नहीं हटाया गया है।

कांग्रेस ने दावा किया कि खबड़ इन मामलों की जांच को प्रभावित कर सकते हैं। राज्य पुलिस ने कथित तौर पर 75 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले के सिलसिले में मंत्री के बेटों बलवंतसिंह खबड़ और किरीट खबड़ को करीब एक महीने पहले गिरफ्तार किया था।

कांग्रेस ने विशेष जांच दल के गठन की मांग करते हुए कहा कि इस तरह का भ्रष्टाचार राज्य के अन्य जिलों में भी व्याप्त है।

राज्यपाल को दिये ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘आपके हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता है। पूरे राज्य में मनरेगा में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए न्यायिक और संवैधानिक पदों पर बैठे तटस्थ लोगों की एसआईटी गठित की जानी चाहिए। मनरेगा घोटाले की तरह नल से जल योजना में भी व्यापक भ्रष्टाचार है।’’

भाषा संतोष माधव

माधव


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