गुजरात: डॉक्टरों ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये गाय के गोबर के उपचार को लेकर चेतावनी दी

गुजरात: डॉक्टरों ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये गाय के गोबर के उपचार को लेकर चेतावनी दी

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  • Publish Date - May 11, 2021 / 12:17 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:18 PM IST

अहमदाबाद, 11 मई (भाषा) गुजरात में डाक्टरों ने तथाकथित ‘गाय के गोबर से उपचार’ के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा है कि शरीर पर गाय के गोबर का लेप लगाने से कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षा नहीं मिलेगी बल्कि इससे म्यूकोरमाइकोसिस समेत दूसरी तरह के संक्रमण हो सकते हैं ।

लोगों का एक समूह यहां श्री स्वामीनारायण गुरुकुल विश्वविद्या प्रतिष्ठानम (एसजीवीपी) द्वारा संचालित गौशाला में उपचार लेने जा रहे हैं और उनका मानना है कि इससे कोविड-19 के खिलाफ उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

एसजीवीपी के पदाधिकारी ने कहा कि इस गौशाला में 200 से ज्यादा गाय हैं। उन्होंने कहा कि बीते एक महीने से करीब 15 लोग हर रविवार यहां शरीर पर गाय के गोबर और गोमूत्र का लेप लगवाने आते हैं। बाद में इसे गाय के दूध से धो दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि यह उपचार लेने वालों में कुछ अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी और दवा की दुकानों पर काम करने वाले लोग हैं।

डॉक्टर हालांकि इसे प्रभावी नहीं मानते हैं।

गांधीनगर स्थित भारतीय जन स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक डॉ. दिलीप मावलंकर ने कहा, “मुझे नहीं पता कि यह उपचार क्या वास्तव में लोगों की मदद करेगा? मेरे सामने अब तक ऐसा कोई शोध नहीं आया है जिससे यह संकेत मिले कि शरीर पर गोबर लगाने से कोरोना वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।”

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की महिला शाखा की अध्यक्ष और शहर की एक वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मोना देसाई ने इस उपचार को “पाखंड और अप्रमाणित” बताया।

उन्होंने कहा, “उपयोगी साबित होने के बजाए गाय के गोबर से आपको म्यूकोरमाइकोसिस समेत दूसरे संक्रमण हो सकते हैं।”

भाषा प्रशांत नरेश

नरेश