Gyanvapi ASI Report PDF: सामने आई ज्ञानवापी के अंदर मिले अवशेषों की तस्वीर, शिवलिंग का योनी पात्र, भगवान विष्णु सहित मिली से चीजें, देखिए फोटोज | Grand Hindu temple existed at the site of Gyanvapi mosque: ASI report

Gyanvapi ASI Report PDF: सामने आई ज्ञानवापी के अंदर मिले अवशेषों की तस्वीर, शिवलिंग का योनी पात्र, भगवान विष्णु सहित मिली से चीजें, देखिए फोटोज

Gyanvapi ASI Report PDF: सामने आई ज्ञानवापी के अंदर मिले अवशेषों की तस्वीर, शिवलिंग का योनी पात्र, भगवान विष्णु सहित मिली से चीजें

Edited By :   Modified Date:  January 26, 2024 / 10:47 AM IST, Published Date : January 26, 2024/10:47 am IST

वाराणसीः Gyanvapi ASI Report PDF  अयोध्या के बाद अब ज्ञानवापी मामले में हिंदुओं की बड़ी जीत होती दिखाई दे रही है। ज्ञानवापी मामले में एएसआई ने सर्वे के बाद अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें मस्जिद से पहले वहां विशाल मंदिर होने का दावा किया गया है। एएसआई ने सर्वे के दौरान देवी-देवताओं और हिंदू सभ्यता के कई अवशेष बरामद किए हैं। एएसआई की मानें तो यहां मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी, 17वीं सताब्दी में मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया गया था। वहीं, सर्वे के दौरान मिले अवशेष की कुछ तस्वीरें भी सामने आई है।

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Gyanvapi ASI Report PDF  सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि एक हाथ के अवशेष मिले हैं जो बाएं हाथ का बताया जा रहा है। दूसरी तस्वीर में शिवलिंग के नीचे का हिस्सा मिला है जिसे ’योनी पात्र कहा जाता है। एक अन्य तस्वीर में भगवान गणेश की प्रतिमा दिखाई दे रही है, जिसकी ऊंचाई 21 सेंटीमीटर बताई गई है। चौथी तस्वीर में भगवान विष्णु की प्रतिमा है, जिसकी ऊंचाई 27 सेंटीमीटर बताई गई है।

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दूसरी ओर ज्ञानवापी सर्वे पर एएसआई की रिपोर्ट आने के बाद एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी बौखलाए हुए हैं। ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा कि एएसआई हिंदुत्व की गुलाम बन गई है। ओवैसी ने ज्ञानवामी मस्जिद पर एएसआई की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यह रिपोर्ट सिर्फ अनुमान पर आधारित है। यह वैज्ञानिक अध्यन का मजाक है।

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हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट से संकेत मिला है कि ज्ञानवापी मस्जिद वहां पहले से मौजूद एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी। जैन ने संवाददाताओं को बताया कि एएसआई की 839 पन्नों वाली सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रतियां बृहस्पतिवार देर शाम अदालत द्वारा संबंधित पक्षों को उपलब्ध करा दी गईं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से स्पष्ट है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान एक भव्य हिंदू मंदिर को ध्वस्त किए जाने के बाद उसके अवशेषों पर बनाई गई थी।

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जैन ने यह भी दावा किया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट में मंदिर के अस्तित्व के पर्याप्त सबूत मिलने की बात कही गई है, जिस पर मस्जिद का निर्माण किया गया था। उन्होंने दावा किया कि सर्वेक्षण के दौरान दो तहखानों में हिंदू देवताओं की मूर्तियों के अवशेष पाए गए हैं। जैन ने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण में स्तंभों सहित पहले से मौजूद मंदिर के कुछ हिस्सों का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने दावा किया कि मंदिर को तोड़ने का आदेश और तारीख पत्थर पर फारसी भाषा में अंकित है। उन्होंने कहा कि ‘महामुक्ति’ लिखा हुआ एक पत्थर भी मिला है।

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जैन ने कहा कि मस्जिद के पीछे की पश्चिमी दीवार एक मंदिर की दीवार है। उन्होंने कहा कि उस दीवार पर घण्टा, वल्लरी (लताओं का उकेरा गया चित्र) और स्वास्तिक का चिह्न मिला है। दीवार पर पत्थरों पर उकेरा गया ब्रह्म कमल का तोरण द्वार बना हुआ है। जैन ने कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्ञानवापी परिसर में स्थित तहखाने की छत जिन खम्भों पर टिकी है वे सब नागर शैली के मंदिर के स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि इन साक्ष्यों से यह प्रतीत होता है कि 17वीं शताब्दी में औरंगजेब द्वारा जब आदि विशेश्वर का मंदिर तोड़ा गया था तो उसके पूर्व उक्त स्थान पर विशाल मंदिर ही था। जैन ने कहा कि अब हम वजू खाने के सर्वेक्षण की मांग अदालत के समक्ष करेंगे।

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Gyanvapi ASI Survey Order by Onkar

 

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