Specialties of Harop Drone: 23 किलो विस्फोटक.. लगातार 9 घंटे की उड़ान.. हार्पी ड्रोन ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को किया तबाह, जानिए इसकी खासियत

23 किलो विस्फोटक.. लगातार 9 घंटे की उड़ान.. हार्पी ड्रोन ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को किया तबाह, Harpy drone destroyed Pakistani air defense system, know its specialty

Specialties of Harop Drone: 23 किलो विस्फोटक.. लगातार 9 घंटे की उड़ान.. हार्पी ड्रोन ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को किया तबाह, जानिए इसकी खासियत

Specialties of Harop Drone. Image Source- IBC24 Archive

Modified Date: May 8, 2025 / 05:51 pm IST
Published Date: May 8, 2025 5:51 pm IST
HIGHLIGHTS
  • भारत ने IAI Harop ड्रोन से पाकिस्तान का चीनी डिफेंस सिस्टम तबाह किया।
  • यह ड्रोन 1,000 किमी की रेंज में टारगेट का पता लगाकर आत्मघाती हमला कर सकता है।
  • 98% मिशन सफलता दर के साथ यह ड्रोन दुश्मन के रडार व हेडक्वॉर्टर पर सटीक हमले करता है।

नई दिल्लीः Specialties of Harop Drone ऑपरेशन सिंदूर के अगले दिन यानी बुधवार-गुरुवार की रात पाकिस्तान ने भारत के 15 से ज्यादा सैन्य ठिकानों पर हमला किया। भारत ने रूस से मिले S-400 डिफेंस सिस्टम यानी “सुदर्शन कवच” के जरिए इस हमले को नाकाम कर दिया। जवाबी कार्रवाई में भारत ने गुरुवार सुबह पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम तबाह कर दिया। इसके लिए इजराइल से मिले हार्पी ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार इस हमले में भारत द्वारा इस्तेमाल किया गया ड्रोन इजरायल निर्मित हारोप (IAI Harop) था।यह ड्रोन लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है।लक्ष्य पर मंडराने (लॉइटरिंग) की क्षमता रखता है।सटीक हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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क्या है हार्पी ड्रोन

Specialties of Harop Drone यह एक एंटी रेडार आत्मघाती ड्रोन सिस्टम है।इसको Israel Aerospace Industries (IAI) ने निर्मित किया है।यह एक तरह से लॉइटरिंग म्यूनिशन ड्रोन है, जिसका मुख्य काम दुश्मन के रडार सिस्टम और एयर डिफेंस सिस्टम को खत्म करना होता है।इसी से पाकिस्तान में तैनात चीनी डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया गया है।इसकी रेंज लगभग 1,000 किलोमीटर तक बताई जाती है।इस ड्रोन की खास बात यह है कि यह अपने टारगेट को ऑटोमेटिक तरीके ट्रैक करता है, उनकी पहचान करता है और फिर उन पर अटैक करता है।

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अब जान लीजिए हारोप ड्रोन कितना खतरनाक

हारोप ड्रोन लॉइटरिंग म्यूनिशन ड्रोन सिस्टम ने 21वीं सदी में युद्ध के स्वरूप में कई बदलाव किए हैं।जैसे कि पारंपरिक रॉकेट सिस्टम, मोर्टार यहां तक गाइडेड मिसाइलों के विपरीत हारोप लॉइटरिंग म्यूनिशन ड्रोन सिस्टम ने पहले मारो फिर टारगेट की तलाश करो की नीति को अपनाया है।इसके लिए किसी तरह की कोई शुरुआती खुफिया जानकारी की कोई जरूरत नहीं होती है।इसकी क्षमता इसे किसी भी समय उभरने वाले खतरे के दौरान काफी प्रभावशाली बनाती है।हारोप ड्रोन ड्रोन युद्ध के समय अपनी सटीकता और प्रभाव को सिद्द कर चुका है।एक प्रभावी संचालन में यह किसी भी बड़े लक्ष्य को डीप तक जाकर हिट कर सकता है।जिसमें एयर डिफेंस सुरक्षा प्रणाली, मिसाइल लॉन्चर, हेडक्वॉर्टर और कमांड पोस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी चीजें शामिल हैं।कड़े बैटलफील्ड और इलेक्ट्रॉनिक अवरोध के चलते जहां दूसरे अन्य लॉइटरिंग म्यूनिशन सिस्टम अपने लॉन्चर से उड़ान नहीं भर पाए, वहां हारोप ड्रोन ड्रोन बेहद प्रभावी साबित हुए और उन्होंने 98 प्रतिशत मिशन सफलता दर के साथ अपने लक्ष्य पूरे किए हैं।हारोप ड्रोन सिस्टम को भी इजरायल की Israel Aerospace Industries (IAI) द्वारा डिजाइन किया गया है।

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कैसे होता है लॉन्च, कितना विस्फोटक ले जा सकता है?

हार्पी ड्रोन 23 किलोग्राम तक विस्फोटक भार ले जा सकता है। इसे एक सीलबंद कैनिस्टर से लॉन्च किया जाता है, जिससे इसकी तैनाती करना आसान होता है। खास बात है कि इसकी निगरानी करना आसान है। हमले की स्थिति में इसे सर्विलांस मोड से अटैक मोड में लाने में भी मुश्किल नहीं होती।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।