(संजय गंजू)
चंडीगढ़, 20 सितंबर (भाषा) हरियाणा में पांच अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला ने त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की है, लेकिन विश्वास जताया है कि उनका गठबंधन पर्याप्त सीट जीतकर नतीजों के बाद एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरेगा।
हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनाव में जजपा ने 90 विधानसभा सीट में से 10, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 40 और कांग्रेस ने 31 सीट जीती थीं। जजपा ने ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभाते हुए चुनाव के बाद भाजपा के साथ गठबंधन किया था।
पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के प्रपौत्र 36 वर्षीय चौटाला का अनुमान है कि विधानसभा चुनाव में कोई भी पार्टी 40 सीट का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी।
पूर्व उपमुख्यमंत्री चौटाला ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि कोई भी पार्टी अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती और संभावना है कि कोई भी 40 सीट का आंकड़ा पार न कर पाए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा गठबंधन पर्याप्त संख्या में सीट जीतेगा और एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभरेगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में किसी अन्य दल का समर्थन करेंगे, चौटाला ने कहा, ‘‘किसी के पीछे क्यों जाना? कोई हमारे पीछे क्यों नहीं आ सकता? कोई भी ऐसा अच्छा गठबंधन बना सकता है, जिसमें हम नेतृत्व करें… बाकी चीजों पर हम नतीजे आने के बाद टिप्पणी करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि दिल्ली, झारखंड और बिहार में (मुख्यमंत्री) नीतीश कुमार (जनता दल-यूनाइटेड) के पास केवल 44 विधायक हैं।’’
पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व वाली जजपा और चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने हाल में हरियाणा चुनाव के लिए अपने गठबंधन की घोषणा की थी।
जजपा 69 सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि एएसपी ने 16 उम्मीदवार उतारे हैं। डबवाली विधानसभा सीट से जजपा ने दुष्यंत के भाई दिग्विजय सिंह चौटाला को मैदान में उतारा है।
जजपा-एएसपी गठबंधन ने रानिया, महम और पुंडरी सीट पर तीन निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन दिया है तथा दो निर्वाचन क्षेत्रों में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है।
जजपा अक्टूबर 2019 से मार्च 2024 तक पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा थी। मार्च में जजपा-भाजपा गठबंधन तब टूट गया जब भाजपा ने खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया। खट्टर अब केंद्रीय मंत्री हैं।
चौटाला उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे और कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह से है।
चौटाला ने 2019 में बृजेंद्र की मां प्रेम लता सिंह को 47,000 से अधिक मतों से हराकर यह सीट जीती थी।
सीट बरकरार रखने के प्रति आश्वस्त चौटाला ने अपनी पूर्व सहयोगी भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया कि हरियाणा की जनता पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाना चाहती है।
हरियाणा की 90 विधानसभा सीट के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होगा और आठ अक्टूबर को मतों की गिनती होगी।
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
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