Vande Bharat: कर्नाटक का सियासी ‘नाटक’ खत्म! क्या सियासी ब्रेकफास्ट के बाद कर्नाटक का संकट टल गया? देखें वीडियो

Karnataka Congress Crisis: कर्नाटक का सियासी 'नाटक' खत्म! क्या सियासी ब्रेकफास्ट के बाद कर्नाटक का संकट टल गया? देखें वीडियो

Vande Bharat: कर्नाटक का सियासी ‘नाटक’ खत्म! क्या सियासी ब्रेकफास्ट के बाद कर्नाटक का संकट टल गया? देखें वीडियो

Karnataka Congress Crisis

Modified Date: November 29, 2025 / 11:53 pm IST
Published Date: November 29, 2025 11:53 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की नाश्ते पर मुलाकात ने सियासी संकट को शांत करने का संकेत दिया
  • कांग्रेस हाईकमान ने कहा कि समस्या का समाधान पार्टी स्तर पर किया जाएगा
  • छत्तीसगढ़ की तरह 2.5-2.5 साल के सीएम फॉर्मूले की चर्चा फिर से तेज हुई

कर्नाटक: Karnataka Congress Crisis छत्तीसगढ़ के बाद बात कर्नाटक के सियासी नाटक की जहां सीएम पद के लिए जारी खींचतान के सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की तस्वीर खासा चर्चा में रही। जब दोनों नेताओं ने एक साथ ब्रेकफास्ट करते दिखे। तो क्या कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार में सीएम पद के लिए जारी खींचतान के बीच अब सुलह हो गई है। सियासी ब्रेकफास्ट के बाद कर्नाटक का संकट टल गया?

Karnataka Congress Crisis CM पद के लिए 15 दिन से खींचतान के बीच सिद्धारमैया पार्टी हाईकमान से मिलने दिल्ली तक पहुंच गए और शिवकुमार के समर्थक विधायक भी दिल्ली पहुंचे थे। दूसरी ओर आज सुबह 10:15 बजे सिद्धारमैया के घर नाश्ते पर डीके शिवकुमार पहुंचे और जब सुबह मुलाकात के एक घंटे बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

कांग्रेस में इस तरह के नजारे आम हैं। छत्तीसगढ़ में भी पिछली भूपेश सरकार के वक्त ढ़ाई-ढाई साल के सीएम वाला फॉर्मूला भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच रहा। अब छग के कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने तंज कसा कि शिवकुमार, सिंहदेव जैसा अनुभव ले रहे हैं।

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शिवकुमार के समर्थकों ने दावा किया कि 2023 में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब सीएम पद के लिए 2.5-2.5 साल की डील हुई थी लेकिन सिद्धारमैया समर्थक इसे नकारते आए हैं। पार्टी ने भी कभी पुष्टि नहीं की।

आखिर ये खींचतान शुरू कैसे हुई

– ढाई साल पूरे होने के बाद कर्नाटक सरकार में फेरबदल की चर्चा शुरू हुई तो 16 नवंबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से दिल्ली में मुलाकात की।

– 19 नवंबर को डीके शिवकुमार ने संकेत दिए कि वे जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा- मैं इस पद पर हमेशा नहीं रह सकता।

– 20 नवंबर को शिवकुमार के करीबी विधायकों ने दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात की। दावा किया कि डीके शिवकुमार को अगला सीएम बनना चाहिए लेकिन शिवकुमार ने कहा कि गुटबाजी मेरे खून में नहीं है।

– 26 नवंबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- पार्टी हाईकमान इस समस्या को सुलझा लेगा और अब 29 नवंबर को दोनों नेता सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार सुबह नाश्ते पर मिले और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एकजुटता दिखाई।

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