15-year-old Muslim girl can marry a boy of her choice
16-year-old Muslim girl: चंडीगढ़, 28 अक्टूबर। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा है कि 15 साल से अधिक उम्र की मुस्लिम लड़की अपनी पसंद से किसी भी व्यक्ति से शादी कर सकती है और उसकी यह शादी वैध मानी जायेगी। न्यायालय ने 16 वर्षीय एक लड़की को अपने पति के साथ रहने की अनुमति देते हुए यह बात कही।
न्यायमूर्ति विकास बहल की खंडपीठ ने जावेद (26) की एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उसकी 16 वर्षीय पत्नी को उसके साथ रहने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था। लड़की को हरियाणा के पंचकूला में एक बाल गृह में रखा गया है।
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16-year-old Muslim girl: याचिकाकर्ता ने कहा था कि उसकी शादी के समय उसकी पत्नी की उम्र 16 साल से अधिक थी तथा यह शादी उनकी मर्जी से और बिना किसी दबाव के हुई थी।
याचिकाकर्ता ने अपने वकील के माध्यम से कहा था कि दोनों मुसलमान हैं और उन्होंने 27 जुलाई को यहां मनी माजरा की एक मस्जिद में ‘निकाह’ किया था।
याचिकाकर्ता के वकील ने यूनुस खान बनाम हरियाणा राज्य मामले में उच्च न्यायालय की समन्वय पीठ के फैसले पर भरोसा करते हुए दलील दी कि लड़की को याचिकाकर्ता के साथ रहने की अनुमति दी जानी चाहिए।
हालांकि, राज्य के वकील ने याचिका का विरोध किया और कहा कि वह नाबालिग है, इसलिए उसे आशियाना होम में रखा जा रहा है। राज्य के वकील ने याचिका खारिज करने की गुहार लगाई थी।