अदालत ने दिल्ली विधिज्ञ परिषद को बुजुर्ग वकील के ‘व्यवहार संबंधी मुद्दों’’ का मूल्यांकन करने को कहा

अदालत ने दिल्ली विधिज्ञ परिषद को बुजुर्ग वकील के ‘व्यवहार संबंधी मुद्दों’’ का मूल्यांकन करने को कहा

अदालत ने दिल्ली विधिज्ञ परिषद को बुजुर्ग वकील के ‘व्यवहार संबंधी मुद्दों’’  का मूल्यांकन करने को कहा
Modified Date: May 23, 2024 / 07:35 pm IST
Published Date: May 23, 2024 7:35 pm IST

नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने उसके समक्ष पेश हुए एक बुजुर्ग वकील के ‘‘व्यवहार संबंधी गंभीर मुद्दों’’ पर विचार करते हुए दिल्ली विधिज्ञ परिषद को यह आकलन करने का निर्देश दिया है कि क्या वह पेशे में बने रहने के लिए उपयुक्त हैं।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि वकील ‘‘कुंठित’’ और ‘‘उन कारणों से नाराज’’ हो गये थे जो उन्हें अच्छे से मालूम थे और उन्हें ‘‘यह भी एहसास नहीं था कि क्या बोलना है और कैसे बोलना है’’।

अदालत अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत में कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने और चिल्लाने के लिए वकील के खिलाफ आपराधिक अवमानना मामले पर सुनवाई कर रही थी।

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न्यायमूर्ति कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने 20 मई को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता पेशे से एक वकील हैं, जिनका नामांकन वर्ष 1984 में हुआ था। उनकी उम्र साठ वर्ष है। पेशे से वकील होने के नाते, प्रतिवादी से न्यायालय की गरिमा बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है। लेकिन वह व्यवहार संबंधी गंभीर समस्याओं से ग्रस्त हैं।’’

अदालत ने कहा कि वकील का व्यवहार संबंधी समस्याओं का इलाज चल रहा था और जिला अदालत के प्रति दिखाए गए ‘‘अनादर’’ के लिए उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से परहेज किया गया था।

अदालत ने कहा, ‘‘हम हालांकि उन्हें इस चेतावनी के साथ आरोपमुक्त करते हैं कि जब भी वह किसी भी मामले में किसी अदालत के समक्ष उपस्थित होंगे, तो वह न्यायालय की मर्यादा बनाये रखेंगे।’’

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव


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