उच्च न्यायालय ने डीडीसीडी उपाध्यक्ष की याचिका पर उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार से जवाब मांगा |

उच्च न्यायालय ने डीडीसीडी उपाध्यक्ष की याचिका पर उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

उच्च न्यायालय ने डीडीसीडी उपाध्यक्ष की याचिका पर उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : November 28, 2022/3:35 pm IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के संवाद और विकास आयोग (डीडीसीडी) के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह की उस याचिका पर सोमवार को उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने और उनके कार्यालय को सील करने के आदेश को चुनौती दी थी।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार के निदेशक (योजना), सिविल लाइंस के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और डीडीसीडी के अध्यक्ष को याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘जवाबी हलफनामे के बिना मैं मामले की सुनवाई कैसे करूंगी? आप अपना जवाब दाखिल करें।’’ उच्च न्यायालय ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 13 दिसंबर को सूचीबद्ध किया।

शाह ने डीडीसीडी के उपाध्यक्ष को पद से हटाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उपराज्यपाल के अनुरोध पर दिल्ली सरकार के निदेशक (योजना) द्वारा जारी 17 नवंबर के आदेश को चुनौती दी है। इसके साथ ही उन्हें अपने कार्यालय का इस्तेमाल करने से रोकने और उन्हें सौंपे गए कर्मचारियों तथा सुविधाओं को वापस लेने का भी आदेश दिया गया।

शाह ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ पारित आदेश ‘‘अधिकार क्षेत्र और प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग’’ है। याचिका में कहा गया कि उनको हटाने के आदेश में कोई दम नहीं है और अवैध, दुर्भावनापूर्ण और अधिकार क्षेत्र से परे जाकर उठाया गया कदम है।

शाह ने उनके कार्यालय पर ताला लगाने और सभी सुविधाओं के साथ-साथ विशेषाधिकार वापस लेने के आदेशों को भी चुनौती दी है। डीडीसीडी कार्यालयों को ‘‘राजनीतिक लाभ के लिए शाह द्वारा दुरुपयोग किए जाने से’’ रोकने के वास्ते 17 नवंबर की रात को सील कर दिया गया था। सीलिंग की कवायद दिल्ली सरकार के योजना विभाग ने की थी।

उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में शाह ने कहा है कि दिल्ली मंत्रिमंडल और मुख्यमंत्री, सक्षम अधिकारियों के किसी भी निर्देश के अभाव में, उनके खिलाफ पारित आदेश ‘‘अधिकार क्षेत्र से परे जाकर उठाया गया कदम है।’’

भाषा आशीष मनीषा

मनीषा

 

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