चारधाम श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी परामर्श जारी |

चारधाम श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी परामर्श जारी

चारधाम श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी परामर्श जारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : May 11, 2022/7:40 pm IST

देहरादून, 11 मई (भाषा) उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित चार धामों की यात्रा पर आने वाले, खासतौर से बुजुर्ग श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देश जारी किए, साथ ही मंदिरों में उमड़ रही भारी भीड़ के मददेनजर प्रत्येक धाम में प्रतिदिन दर्शन के लिए निर्धारित अधिकतम श्रद्धालुओं की संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी की।

तीन मई को अक्षय तृतीया के पर्व से शुरू हुई चारधाम यात्रा में 10 मई तक दिल का दौरा पड़ने से 18 श्रद्धालुओं की मौत होने तथा कई अन्य का स्वास्थ्य बिगड़ने की खबर है। माना जा रहा है कि इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने यह परामर्श जारी किया है ।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि 2700 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित सभी चारों धामों —बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में तीर्थयात्री अत्यधिक ठण्ड, कम आर्द्रता, अत्यधिक पराबैंगनी विकिरण, कम हवा का दबाव और ऑक्सीजन की कम मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए वे स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत ही यात्रा आरंभ करें ।

इसके अलावा, पहले से बीमार व्यक्तियों को अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा, अपनी दवाएं और चिकित्सक का संपर्क नम्बर अपने साथ रखने को कहा गया है। हृदय रोग, श्वांस रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगियों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है ।

दिशानिर्देशों के अनुसार, सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सांस फूलना, खांसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचने तथा हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क करने को कहा गया है ।

अति वृद्ध, बीमार एवं पूर्व में कोविड से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए यात्रा पर न जाने या कुछ समय के लिए उसे स्थगित करने की सलाह दी गयी है। इसके अलावा, तीर्थस्थल पर पहुंचने से पहले तीर्थयात्रियों को मार्ग में एक दिन का विश्राम करने का सुझाव दिया गया है ।

तीर्थयात्रियों को गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में रखने, धूम्रपान व अन्य मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करने, त्वचा को तेज धूप से बचाने के लिए एसपीएफ 50 वाले सनस्क्रीन तथा आंखों के बचाव के लिए धूप का चश्मा पहनने की सलाह दी गयी है ।

दिशानिर्देशों में यात्रा के दौरान पानी पीते रहने, भूखे पेट न रहने, लंबी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करने, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में व्यायाम न करने को कहा गया है ।

मुख्यमंत्री ने पर्यटन और स्वास्थ्य विभाग को इन दिशानिर्देशों के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को तीर्थयात्रियों के आवागमन को सुगम और सुविधायुक्त बनाने को कहा है।

धामी ने चारधाम यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाओं के पर्यवेक्षण के लिए कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत को केदारनाथ धाम और सुबोध उनियाल को बदरीनाथ धाम के लिए नामित किया है।

चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से यमुनोत्री मार्ग पर 10, केदारनाथ मार्ग पर पांच और गंगोत्री में तीन श्रद्धालुओं की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गयी।

उधर, चारों धामों में श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए प्रत्येक मंदिर में प्रतिदिन दर्शन के लिए जाने वाले अधिकतम श्रद्धालुओं की संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी कर दी गयी है। फिलहाल यह व्यवस्था यात्रा सीजन के शुरुआती 45 दिनों के लिए की गयी है।

अधिकारियों ने यहां बताया कि सरकार ने इस संबंध में अपने पिछले आदेश में संशोधन करते हुए बदरीनाथ में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन 16000, केदारनाथ के लिए 13000, गंगोत्री के लिए 8000 और यमुनोत्री के लिए 5000 तय कर दी है ।

इससे पहले, बदरीनाथ के लिए यह सीमा प्रतिदिन 15,000, केदारनाथ के लिए 12,000, गंगोत्री के लिए 7,000 और यमुनोत्री के लिए 4000 थी ।

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट तीन मई को, जबकि केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट क्रमश: छह मई और आठ मई को खुले थे। आधिकारिक आंकडों के अनुसार, 10 मई तक ढाई लाख से ज्यादा तीर्थयात्री चार धामों के दर्शन कर चुके हैं ।

भाषा दीप्ति दीप्ति दीप्ति सुरेश

सुरेश

 

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