ईटानगर, 12 सितंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश में दो चिकित्सकों पर हमले के विरोध में अस्पतालों के 48 घंटे के लिए बंद रहने से शुक्रवार को मरीजों में चिंता व्याप्त हो गई। इस दौरान केवल आपातकालीन सेवाएं ही जारी रहीं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बीमार बच्चों और बुजुर्ग मरीजों को लेकर आए परिवार सुबह से ही आपातकालीन वार्ड के बाहर कतार में खड़े थे।
नियमित परामर्श, नैदानिक परीक्षण और गैर-आपातकालीन उपचार स्थगित कर दिए गए, जिससे हजारों लोगों को समय पर इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ा।
नाहरलागुन स्थित तोमो रिबा इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल साइंसेज (टीआरआईएचएमएस) में बृहस्पतिवार को दो चिकित्सकों पर हुए हमले के विरोध में चिकित्सकों और नर्स के संगठनों ने बंद का आह्वान किया था।
यह हमला नाक-कान एवं गला (ईएनटी) वार्ड में तब हुआ जब अपने एक परिचित मरीज को दिए गए इलाज से कथित तौर पर असंतुष्ट 28 वर्षीय व्यक्ति ने वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविंद पुशा पर हमला किया।
जब एक अन्य वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. टैम तारियांग ने हस्तक्षेप किया, तो हमलावर ने उन पर भी हमला कर दिया जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं।
दोनों चिकित्सकों का टीआरआईएचएमएस में इलाज चल रहा है, जबकि हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच जारी है।
इस घटना के बाद टीआरआईएचएमएस संकाय संघ, भारतीय आयुर्विज्ञान संघ (आईएमए) की अरुणाचल शाखा, अरुणाचल प्रदेश चिकित्सक संघ (एपीडीए) और भारतीय प्रशिक्षित नर्स संघ (टीएनएआई) की अरुणाचल प्रदेश शाखा ने बृहस्पतिवार शाम एक संयुक्त बयान जारी कर आपातकालीन देखभाल को छोड़कर सभी सरकारी और निजी अस्पताल सेवाओं को 48 घंटे के लिए बंद करने की घोषणा की।
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ और टीआरआईएचएमएस संकाय संघ के अध्यक्ष डॉ. रिनचिन दोरजी मेगेजी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम हड़ताल और आंदोलन नहीं करना चाहते, लेकिन परिस्थितियों ने हमें ऐसा करने पर मजबूर कर दिया है। हम दुखी हैं, हम डरे हुए हैं।’’
भाषा संतोष अविनाश
अविनाश