लू, जंगल की आग, सूखा और तूफानों से 2025 में दुनिया को 120 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान

लू, जंगल की आग, सूखा और तूफानों से 2025 में दुनिया को 120 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान

लू, जंगल की आग, सूखा और तूफानों से 2025 में दुनिया को 120 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान
Modified Date: December 27, 2025 / 12:57 pm IST
Published Date: December 27, 2025 12:57 pm IST

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) लू, जंगल की आग, सूखा और तूफानों के कारण 2025 में दुनिया को 120 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है। जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान का विश्लेषण करने वाली एक नयी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

ब्रिटेन आधारित गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘क्रिश्चियन एड’ की रिपोर्ट ने इस नुकसान को रेखांकित करते हुए कहा कि संकट को बढ़ाने में जीवाश्म ईंधन कंपनियों की केंद्रीय भूमिका रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि जलवायु संबंधी मामलों में निष्क्रिय रहने की कीमत भी उतनी ही स्पष्ट है और समुदाय उस संकट की मार लगातार झेल रहे हैं जिसे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए तत्काल कदम उठाकर टाला जा सकता था।

‘इम्पीरियल कॉलेज लंदन’ की एमेरिटस प्रोफेसर जोआना हाई ने कहा, ‘‘ये आपदाएं प्राकृतिक नहीं हैं,ये जीवाश्म ईंधन के विस्तार और राजनीतिक देरी का परिणाम हैं।’’

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रिपोर्ट के अनुसार, प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान 122 अरब अमेरिकी डॉलर से भी अधिक रहा। इन आकलनों में से अधिकतर केवल उन घटनाओं से जुड़े नुकसान पर आधारित हैं जो बीमा के तहत कवर थे इसलिए वास्तविक आर्थिक नुकसान इससे भी अधिक होने की आशंका है।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘2025 में सबसे अधिक आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाली घटनाओं के लिहाज से अमेरिका पर सबसे ज्यादा असर पड़ा। आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाली 10 बड़ी घटनाओं में से कैलिफोर्निया की आग एकल रूप से सबसे बड़ी घटना रही, जिसमें 60 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ और 400 से अधिक लोगों की मौत हुई।’’

सूची में दूसरे स्थान पर दक्षिण-पूर्व एशिया में नवंबर में हुईं चक्रवात और बाढ़ की घटनाएं रहीं जिनसे 25 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ और थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका, वियतनाम तथा मलेशिया में 1,750 से अधिक लोग मारे गए।

रिपोर्ट के अनुसार, तीसरे स्थान पर चीन में आई विनाशकारी बाढ़ रही, जिससे हजारों लोग विस्थापित हो गए, 11.7 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ और कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई।

इसमें कहा गया, ‘‘ब्राजील में सूखा, स्पेन और पुर्तगाल में गर्मियों के दौरान जंगल की आग और ऑस्ट्रेलिया एवं अफ्रीका के तट के निकट रीयूनियन द्वीप में फरवरी में आए चक्रवातों ने यह दिखाया कि दुनिया का कोई कोना नुकसान से अछूता नहीं रहा।’’

सबसे अधिक नुकसान करने वाली शीर्ष छह आपदाओं में से चार एशिया में हुईं। भारत और पाकिस्तान में बाढ़ से 1,860 से अधिक लोगों की मौत हुई, छह अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ और अकेले पाकिस्तान में 70 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए।

फिलीपीन में आए तूफानों से पांच अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ और 14 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए।

‘क्रिश्चियन एड’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पैट्रिक वॉट ने कहा, ‘‘ये जलवायु आपदाएं इस बात की चेतावनी हैं कि यदि हम जीवाश्म ईंधन से दूर जाने की प्रक्रिया तेज नहीं करते, तो आगे क्या होने वाला है।’’

भाषा

सिम्मी नेत्रपाल

नेत्रपाल


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