हिमाचल में भारी बारिश: भूस्खलन से मरने वालों की संख्या सात हुई, सड़कें अवरुद्ध और स्कूल बंद

हिमाचल में भारी बारिश: भूस्खलन से मरने वालों की संख्या सात हुई, सड़कें अवरुद्ध और स्कूल बंद

हिमाचल में भारी बारिश: भूस्खलन से मरने वालों की संख्या सात हुई, सड़कें अवरुद्ध और स्कूल बंद
Modified Date: September 3, 2025 / 05:12 pm IST
Published Date: September 3, 2025 5:12 pm IST

शिमला, तीन (भाषा) हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बीच बचाव कर्मियों ने मंडी जिले में भूस्खलन के बाद मलबे से चार और शव बरामद किए, जबकि कुल्लू जिले में दो मकान ढह जाने से एनडीआरएफ के एक जवान समेत दो लोगों की मौत की आशंका है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

एक आदेश में कहा गया है कि खराब मौसम को देखते हुए राज्य में सभी सरकारी और निजी कॉलेज व स्कूल सात सितंबर तक बंद रहेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार शाम सुंदरनगर क्षेत्र के बीबीएमबी कॉलोनी के पास भूस्खलन की चपेट में आए चार और लोगों के शव बरामद किए गए, जिससे मृतकों की संख्या सात हो गई।

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सुंदरनगर के उप-मंडल मजिस्ट्रेट अमर नेगी ने बताया कि सात में से पांच लोग एक ही परिवार के सदस्य थे।

एसडीएम ने बताया कि मृतकों में से तीन की पहचान सुरिंदर कौर (महिला), उनके बेटे गुरप्रीत सिंह और प्रकाश शर्मा के रूप में हुई है, जबकि अन्य के विवरण की प्रतीक्षा है।

अधिकारियों ने बताया कि कुल्लू जिले के अखाड़ा बाजार क्षेत्र में मंगलवार देर रात भूस्खलन के बाद दो मकान ढह जाने से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक जवान समेत दो लोगों के मारे जाने की आशंका है।

उनकी पहचान एनडीआरएफ जवान नरिंदर (37) और एक कश्मीरी युवक वकार अहमद (24) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान जारी है।

किन्नौर जिले के वांगतू में सड़क किनारे खड़े पांच ट्रक पहाड़ी से गिरे पत्थरों के कारण क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि मंडी के जोगिंदरनगर के कुंदुनी गांव में भूस्खलन के खतरे के बाद 15 घरों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार रात सोलन जिले के कंडाघाट के चौहरा गांव में एक घर पर पहाड़ का मलबा गिर गया जिसमें निवासी बाल-बाल बच गए।

अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार दिनों में हुई भारी बारिश के कारण बिलासपुर जिले के जामली क्षेत्र में एक प्राथमिक विद्यालय की पिछली दीवार ढह गई और पानी भवन में घुस गया।

शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों को भी कॉलेजों और स्कूलों में जाने से छूट दी जाएगी। हालांकि, संस्थानों के प्रमुख यह सुनिश्चित करेंगे कि जब भी संभव हो, कक्षाएं ऑनलाइन मोड के माध्यम से आयोजित की जाएं।

आदेश में कहा गया है कि खराब मौसम के कारण पूरे राज्य में कई स्थानों पर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होने की प्रबल आशंका है और इसलिए छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है।

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राज्य में 1,162 सड़कें अवरुद्ध होने से सड़क यातायात बाधित हुआ है। मंडी में 289, शिमला में 234, कुल्लू में 205 और सिरमौर जिले में 137 सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि चंबा जिले से विस्तृत जानकारी का इंतजार है।

इसने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-3 (मंडी-धरमपुर रोड), राष्ट्रीय राजमार्ग-5 (ओल्ड हिंदुस्तान-तिब्बत रोड), एनएच-21 (चंडीगढ़-मनाली रोड), एनएच-205 (खरड़ से स्वारघाट), एनएन305 (औट-सैंज रोड), एनएच-505 खाब से ग्राम्फू और एनएच 707 (हाटकोटी से पोंटा) अवरुद्ध हैं।

शिमला-कालका ट्रैक पर भूस्खलन के बाद इस पर चलने वाली ट्रेनें शुक्रवार (पांच सितंबर) तक रद्द कर दी गई हैं।

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी रही।

स्थानीय मौसम विभाग ने बुधवार को राज्य के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

भाषा

शुभम नरेश

नरेश


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