प्रतिबंध के बावजूद हरिद्वार में जानवरों के खुले में वध पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा

प्रतिबंध के बावजूद हरिद्वार में जानवरों के खुले में वध पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा

प्रतिबंध के बावजूद हरिद्वार में जानवरों के खुले में वध पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:27 pm IST
Published Date: December 14, 2020 3:58 pm IST

नैनीताल, 14 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को शहरी विकास सचिव समेत सरकारी अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए उनसे अदालत के प्रतिबंध के बावजूद हरिद्वार जिले में सार्वजनिक रूप से जानवरों का वध जारी रहने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा ।

उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शरद शर्मा ने नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए अधिकारियों को तीन सप्ताह का समय दिया है ।

अवमानना याचिका में आरोप लगाया गया है कि हरिद्वार जिले में लाइसेंसी बूचडखानों की गैरमौजूदगी के बावजूद मांस विक्रेताओं द्वारा अधिकारियों की मिलीभगत से सार्वजनिक तौर पर जानवरों का वध किया जा रहा है ।

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याचिका में कहा गया है कि 2018 और 2019 में उच्च न्यायालय के खुले में जानवरों के वध पर प्रतिबंध के आदेशों का उल्लंघन करते हुए यह प्रथा चल रही है । गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने लाइसेंसी बूचडखानों में ही पशु वध की अनुमति दी थी।

शहरी विकास सचिव के अलावा हरिद्वार के जिलाधिकारी, रूडकी के उपजिलाधिकारी, हरिद्वार के खाद्य सुरक्षा अधिकारी और मंगलौर नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को भी नोटिस जारी किए गये हैं ।

भाषा सं दीप्ति

मानसी

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