चेन्नई, 17 मई (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि कांचीपुरम के वरदरजा पेरुमल मंदिर में पहली दो से तीन कतारों में तेनकलाई पंथ के श्रद्धालुओं को लगने की अनुमति होनी चाहिए और उनके पीछे वडकलाई पंथ और अन्य श्रद्धालुओं को शेष बची जगह में बैठने की अनुमति दी जाए।
न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम ने 14 मई की आधी रात को मंदिर के सहायक आयुक्त/अधिशासी न्यासी द्वारा जारी एक नोटिस को चुनौती देने वाली एस नारायणन नामक व्यक्ति की रिट याचिका पर आदेश पारित करते हुए यह निर्देश दिया। नोटिस में तेनकलाई पंथ के लोगों को ही प्रबंधम (तमिल गीतों का संग्रह) गाने की और मंदिर में चल रहे ब्रह्मोत्सवम की रस्मों में शामिल होने की अनुमति दी गयी थी।
तेनकलाई और वडकलाई वैष्णव पंथ हैं।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए इस अदालत की राय है कि श्रद्धालुओं, अनुयायियों के धार्मिक अधिकारों का संरक्षण करना होगा।’’
भाषा वैभव माधव
माधव
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