Adani hindenburg case update
Hindenburg report on Adani: केंद्र की सरकार पर मशहूर कारोबारी गौतम अडानी को सह देने और उसके खिलाफ जाँच नहीं करने के आरोप लग रहे हैं। विपक्ष ने इस मामले पर जेपीसी एक गठन की मांग की हैं तो दूसरी तरफ विपक्षी दल देश भर में धरना प्रदर्शन कर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद खुद गौतम अडानी को इसका नुक्सान उठाना पड़ा हैं। उनकी कंपनियों को तगड़ा नुकसान पहुंचा। अडानी जो कभी दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स थे वह आज शीर्ष 20 से बाहर हो गए। उनकी कुल पूँजी में भी भारी गिरावट आई हैं। इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा निशाने पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
रेलवे की बड़ी कार्रवाई, 85 किन्नरों को लिया हिरासत में, ठोंका 64 हजार रुपये का जुर्माना
अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद संकट में फंसे गौतम अडानी को ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट का साथ मिला है। टोनी एबॉट ने इन आरोपों को सिर्फ आरोप बताते हुए खारिज कर दिया। एबॉट ने कहा, “आरोप लगाना आसान है। लेकिन कुछ आरोप लगाया गया है, वह सच नहीं हो जाता है। सामान्य कानून के सिद्धांतों के बारे में मुझे पता है कि आप दोषी साबित होने तक निर्दोष हैं।”
PM मोदी को अखिलेश, केजरीवाल समेत देश के 7 बड़े नेताओं ने लिखा खत, जताई इस बात पर गहरी चिंता
Hindenburg report on Adani: उन्होंने आगे कहा, ”तो अगर इसमें कुछ भी है, तो मुझे यकीन है कि नियामक इस पर गौर करेंगे। लेकिन जहां तक मेरा संबंध है, ऑस्ट्रेलिया में अडानी समूह ने जो विश्वास दिखाया है, उसके लिए मैं आभारी हूं।” उन्होंने निवेशों के साथ ऑस्ट्रेलिया में नौकरियां और धन पैदा करने के लिए अडानी समूह को श्रेय दिया, और नरेंद्र मोदी सरकार के ऑस्ट्रेलियाई कोयले की मदद से भारत में लाखों लोगों को 24×7 बिजली सुनिश्चित करने के प्रयासों का जिक्र किया।