आशा है जंगल की आग रोकने के लिए धन का इस्तेमाल सार्थक उद्देश्यों के लिए होगा: न्यायालय

आशा है जंगल की आग रोकने के लिए धन का इस्तेमाल सार्थक उद्देश्यों के लिए होगा: न्यायालय

आशा है जंगल की आग रोकने के लिए धन का इस्तेमाल सार्थक उद्देश्यों के लिए होगा: न्यायालय
Modified Date: March 26, 2025 / 09:29 pm IST
Published Date: March 26, 2025 9:29 pm IST

नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह उत्तराखंड में जंगल की आग से संबंधित याचिका पर 14 अप्रैल को सुनवाई करेगा। इससे पहले राज्य ने कहा कि उसने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाये हैं।

उत्तराखंड सरकार की ओर से पेश वकील ने न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ को बताया कि इस मुद्दे पर बैठकें आयोजित की गई थीं और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा गया था।

जब पीठ ने कहा कि गर्मी का मौसम आ रहा है, जिसके दौरान जंगलों में आग लगने की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं, तो राज्य के वकील ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं।

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उत्तराखंड में जंगल की आग का मुद्दा उठाने वाले याचिकाकर्ता से पीठ ने कहा, ‘‘वह (राज्य के वकील) कहते हैं कि कुछ प्रगति हुई है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘हम 14 अप्रैल को इस पर सुनवाई करेंगे।’’

न्यायालय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से पेश वकील से मामले में निर्देश लेने को कहा। पीठ ने उम्मीद जताई कि जंगल की आग से निपटने और उसे रोकने के लिए आवंटित धनराशि का इस्तेमाल ‘‘सार्थक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, न कि आईफोन पर।’’

एक अलग मामले में, उच्चतम न्यायालय ने पांच मार्च को उत्तराखंड राज्य द्वारा लैपटॉप, आईफोन, फ्रिज तथा अन्य सामान खरीदने के लिए प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) निधि के कथित दुरुपयोग पर आपत्ति जताई थी तथा मुख्य सचिव को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।

उत्तराखंड सरकार ने 19 मार्च को शीर्ष अदालत को बताया कि कैम्पा की ज्यादातर धनराशि वनरोपण गतिविधियों और संरक्षण पर खर्च की गई। राज्य सरकार ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आश्वासन दिया।

उत्तराखंड में जंगल की आग से संबंधित मामले में, उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि अधिकारियों को राज्य में जंगल की आग को रोकने के लिए अगले मौसम से पहले सभी व्यवस्थाएं करनी चाहिए।

भाषा आशीष रंजन

रंजन


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