चंद्रयान-2 से कितनी कम है चंद्रयान-3 की लागत, जानें पूरा खर्च और खासियत

Cost of Chandrayaan-3 : इसरो ने चंद्रयान-3 के शुरुआती बजट के लिए 600 करोड़ रुपए की उम्मीद लगाई थी। लेकिन यह मिशन 615 करोड़ रुपए में पूरा हो

चंद्रयान-2 से कितनी कम है चंद्रयान-3 की लागत, जानें पूरा खर्च और खासियत

Cost of Chandrayaan-3

Modified Date: July 11, 2023 / 02:21 pm IST
Published Date: July 11, 2023 2:21 pm IST

नई दिल्ली : Cost of Chandrayaan-3 : 14 जुलाई 2023 की दोपहर 2:35 बजे चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग होगी। तीसरे मून मिशन को इसरो एलवीएम-3 रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजेगा। लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से होगी। यह भारत का तीसरा चंद्र मिशन है। दूसरी बार भारत यह प्रयास करेगा कि वह चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करा सके. साथ ही रोवर को चंद्रमा की सतह पर चला सके।

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चंद्रयान-3 में नहीं है ऑर्बिटर

Cost of Chandrayaan-3 : इससे पहले यह काम सिर्फ तीन देश ही सफलतापूर्वक कर पाए हैं। चंद्रयान-2 की आंशिक विफलता के बाद इस बाद पूरे देश को चंद्रयान-3 की सफलता से उम्मीद है। इस बार चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं है। बल्कि एक प्रोपल्शन मॉड्यूल है। जो किसी संचार उपग्रह की तरह काम करेगा।

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इसरो ने चंद्रयान-3 के शुरुआती बजट के लिए 600 करोड़ रुपए की उम्मीद लगाई थी। लेकिन यह मिशन 615 करोड़ रुपए में पूरा हो जाएगा। यह उसकी अंतिम लागत है, लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या ये सबसे महंगा चंद्रयान मिशन है? चंद्रयान-2 की लागत क्या थी ये आज हम आपको बताएंगे।

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हॉलीवुड फिल्मों से भी कम थी चंद्रयान-2 की लागत

Cost of Chandrayaan-3 :  साल 2019 में छोड़े गए चंद्रयान-2 की लागत हॉलीवुड फिल्म अवतार और एवेंजर्स एंडगेम से भी कम थी. विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग और उससे मिली विफलता के बावजूद, इसरो चांद की सतह तक पहुंच गया था। चंद्रयान-2 के पूरे मिशन की लागत 978 करोड़ रुपए थी। जिसमें 603 करोड़ मिशन की लागत थी। 375 करोड़ रुपए लॉन्च की लागत, यानी रॉकेट को विकसित करने की। एवेंजर्स एंडगेम 2443 करोड़ रुपए में बनी थी। जबकि अवतार 3282 करोड़ रु. में।

चीन का चांग-ई 4 मून मिशन 69.38 लाख करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट था। अमेरिका अपने मून मिशन पर अब तक 825 लाख करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। यानी नील आर्मस्ट्रॉन्ग से लेकर अब तक. वहीं रूस जो पहले सोवियत संघ था, उसने भी चंद्र मिशनों पर शुरू से लेकर अब तक 165 लाख करोड़ रुपए तक खर्च कर चुका है।

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चीन के मून मिशन से ढाई गुना सस्ता था चंद्रयान-1

Cost of Chandrayaan-3 :  चंद्रयान-1 को 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया गया था। 28 अगस्त 2009 तक उसने काम किया। चांद पर पानी खोजा। यह इसरो का बजट स्पेसशिप था। इस मिशन में कुल 386 करोड़ रुपए लगे थे। यानी करीब 76 मिलियन डॉलर्स। जबकि, उस समय चीन के चांग-ई 1 की लागत थी 180 मिलियन डॉलर्स यानी चंद्रयान-1 से करीब ढाई गुना ज्यादा कीमत।

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क्यों सस्ता है चंद्रयान-3

Cost of Chandrayaan-3 :  ISRO के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं बनाया है। यहां के प्रोपल्शन मॉड्यूल जा रहा है। जो कि एक संचार उपग्रह की तरह होता है। यानी यह लैंडर मॉड्यूल को चंद्रमा के पास छोड़कर सिर्फ धरती और लैंडर के बीच कम्यूनिकेशन करने में मदद करेगा। इसके अलावा यह सुदूर अंतरिक्ष में मौजूद एग्जोप्लैनेट्स की स्टडी करेगा। इसलिए इसकी कीमत कम हो गई। ऑर्बिटर में आने वाली लागत की तुलना में यह सस्ते में बन जाता है।

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