देश में प्रत्यारोपण के लिए अंगों की मांग एवं आपूर्ति में भारी अंतर : रणदीप गुलेरिया

देश में प्रत्यारोपण के लिए अंगों की मांग एवं आपूर्ति में भारी अंतर : रणदीप गुलेरिया

देश में प्रत्यारोपण के लिए अंगों की मांग एवं आपूर्ति में भारी अंतर : रणदीप गुलेरिया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:23 pm IST
Published Date: November 27, 2020 1:14 pm IST

नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने शुक्रवार को कहा कि देश में प्रत्यारोपण के लिए मानव अंगों और ऊतकों की मांग एवं आपूर्ति में ”भारी अंतर” है।

साथ ही कहा कि अंगदान से संबंधित मिथकों को दूर किए जाने की आवश्यकता है ताकि समय रहते शरीर के महत्वपूर्ण अंगों की उपलब्धता सुनश्चित हो और लोगों का जीवन बचाया जा सके।

गुलेरिया ने यह बातें एक वेबिनार के दौरान कहीं, जहां देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कुल 79,572 कर्मियों ने अंगदान करने के संकल्प पत्र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को सौंपे। देश में शुक्रवार को 11वां भारतीय अंगदान दिवस मनाया गया।

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हर्षवर्धन ने लोगों से इस नेक काम के लिए साथ आने की अपील की और कहा कि यह समय सभी ”मिथकों को दूर करने” तथा यह महसूस करने का है कि अंगदान करना ”धर्म अथवा धार्मिक रिति-रिवाजों के खिलाफ नहीं है।”

उन्होंने कहा, ” अंगदान करने से बड़ा कोई धार्मिक कार्य नहीं हो सकता है।”

वहीं, गुलेरिया ने कहा कि एम्स ”बहुत जल्द” ही फेफड़ों के प्रत्यारोपण कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए कार्य कर रहा है जबकि इस संस्थान में दिल, गुर्दे, जिगर, अग्न्याशय, कॉर्निया और हड्डियों के प्रत्यारोपण की सुविधा पहले से ही उपलब्ध है।

उन्होंने कहा, ” मुझे पूरा भरोसा है कि एक समय आएगा, जब दान किए गए अंगों की कोई कमी नहीं होगी और अंग के इंतजार में किसी व्यक्ति की जान नहीं जाएगी।”

भाषा शफीक पवनेश

पवनेश


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