हुर्रियत ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से कश्मीर संघर्ष को सुलझाने की अपील की

हुर्रियत ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से कश्मीर संघर्ष को सुलझाने की अपील की

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  • Publish Date - December 10, 2021 / 07:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

श्रीनगर, 10 दिसंबर (भाषा) मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत कांफ्रेंस ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अपील की कि वे ‘‘कश्मीर संघर्ष का समाधान’’ सुनिश्चित करने और जम्मू-कश्मीर के लोगों के मौलिक मानवाधिकारों का ‘‘सम्मान और उन्हें बहाल करने’’ में अपनी भूमिका निभाएं।

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर जारी एक बयान में, हुर्रियत ने कहा कि पिछले तीन दशकों से, जम्मू-कश्मीर में ‘‘लंबे समय तक संघर्ष’’ के कारण मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार के कोई संकेत नहीं मिले हैं। हुर्रियत ने कहा, ‘‘इसके बजाय, यह स्थिति और बदतर हो गयी है। पांच अगस्त, 2019 के बाद से (जब केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द किया) अभूतपूर्व लॉकडाउन, अतिरिक्त न्यायिक उपायों, हिरासत और संचार प्रतिबंधों के कारण मानवाधिकार की स्थिति खराब हुई है।’’

उसने कहा कि मानवाधिकारों के सभी प्रकार के उल्लंघन अस्वीकार्य हैं, चाहे वह राज्य से हो, या यहां रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों और गैर-स्थानीय लोगों की हत्या हो।

हुर्रियत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद, एमनेस्टी इंटरनेशनल, एशिया वॉच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, अंतरराष्ट्रीय नेताओं, नीति निर्माताओं और भारत के लोगों से अपील की कि वे ‘‘विवाद को हल करने’’ और जम्मू कश्मीर के लोगों के मौलिक मानवाधिकारों को बहाल करने में अपनी भूमिका निभाएं।

भाषा देवेंद्र उमा

उमा