हैदराबाद विवि विवाद : छात्रों ने अनिश्चितकालीन प्रदर्शन, कक्षाओं के बहिष्कार का ऐलान किया
हैदराबाद विवि विवाद : छात्रों ने अनिश्चितकालीन प्रदर्शन, कक्षाओं के बहिष्कार का ऐलान किया
हैदराबाद, एक अप्रैल (भाषा) हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ (यूओएचएसयू) ने विश्वविद्यालय परिसर से पुलिसकर्मियों और जेसीबी मशीनों को हटाने की मांग करते हुए मंगलवार से अनिश्चितकालीन विरोध-प्रदर्शन और कक्षाओं के बहिष्कार का ऐलान किया।
यूओएचएसयू के उपाध्यक्ष आकाश ने कहा कि छात्रों और शिक्षकों से परिसर में विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने और कक्षाओं का बहिष्कार करने का आग्रह किया गया है।
यूओएचएसयू और अन्य छात्र संघों ने एक संयुक्त बयान में विश्वविद्यालय प्रशासन पर संस्थान से सटे कांचा गचीबोवली में 400 एकड़ जमीन पर राज्य सरकार की परियोजनाओं के लिए भूमि समाशोधन गतिविधियों की अनुमति देकर छात्रों के साथ “विश्वासघात” करने का आरोप लगाया।
बयान में शांतिपूर्ण ढंग से विरोध-प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर “पुलिस की बर्बर कार्रवाई” की भी निंदा की गई है।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने इस संबंध में लिखित आश्वासन देने की मांग की है कि भूमि को औपचारिक रूप से विश्वविद्यालय के तहत पंजीकृत किया जाएगा। उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से इस मुद्दे पर आयोजित कार्यकारी समिति की बैठक के प्रमुख निष्कर्षों को सार्वजनिक करने और भूमि से संबंधित दस्तावेजों में अधिक पारदर्शिता बरतने की भी मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधानमंडल दल के नेता ए महेश्वर रेड्डी के नेतृत्व में पार्टी विधायकों और नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के मंगलवार को विवादित स्थल का दौरा करने की संभावना है। यहां विधायकों के आवासों के पास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
रेड्डी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस ने उन्हें उनके आवास से बाहर नहीं निकलने दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने के संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया है।
रेड्डी के मुताबिक, पुलिस ने भाजपा के अन्य विधायकों और नेताओं को भी उनके घरों से बाहर निकलने से रोक दिया।
तेलंगाना सरकार विवादित जमीन पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रतिष्ठान और अन्य परियोजनाएं विकसित करना चाहती है। सरकार ने सोमवार को दावा किया कि यह जमीन उसकी है, विश्वविद्यालय की नहीं, जिसके बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों का विरोध-प्रदर्शन और उग्र हो गया।
हालांकि, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने एक बयान जारी कर कहा कि विवादित भूमि के सीमांकन को अंतिम रूप दे दिया गया है, जो सरकार के दावे के विपरीत है।
भूमि विवाद पर विस्तृत जानकारी देते हुए सरकार ने आरोप लगाया कि कुछ नेता और रियल इस्टेट समूह छात्रों को गुमराह कर रहे हैं।
छात्र संगठनों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए उक्त भूमि पर प्रस्तावित विकास परियोजनाओं का विरोध किया है।
यूओएचएसयू ने रविवार को विवादित भूमि पर पुलिस और जेसीबी मशीनों की तैनाती देख विश्वविद्यालय परिसर में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसके बाद 50 से अधिक छात्रों को हिरासत में ले लिया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
पुलिस के अनुसार, जब टीजीआईआईसी (तेलंगाना राज्य औद्योगिक अवसंरचना निगम) ने 30 मार्च को सरकारी आदेश के अनुसार उक्त भूमि पर विकास कार्य शुरू किया, तो हैदराबाद विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों का एक समूह और अन्य व्यक्ति वहां एकत्र हुए और “जबरन” काम रोकने की कोशिश की।
पुलिस ने दावा किया कि इन लोगों ने अधिकारियों और कर्मचारियों पर लाठी-डंडों से हमला किया और उन पर पत्थर फेंके। उसने बताया कि हमले के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
टीजीआईआईसी ने सोमवार को कहा था कि उसने अदालत में संबंधित भूमि पर अपना स्वामित्व साबित कर दिया है और हैदराबाद विश्वविद्यालय (एक केंद्रीय विश्वविद्यालय) के पास उक्त भूमि के किसी भी भूखंड पर कोई मालिकाना हक नहीं है। उसने कहा कि भूमि के मालिकाना हक को लेकर अगर कोई विवाद पैदा किया जाता है, तो यह अदालत की अवमानना होगी।
भाषा पारुल नरेश
नरेश

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