मुझे लगता है कि अब समय आ गया है: राज्य का दर्जा बहाल करने पर बोले उमर

मुझे लगता है कि अब समय आ गया है: राज्य का दर्जा बहाल करने पर बोले उमर

मुझे लगता है कि अब समय आ गया है: राज्य का दर्जा बहाल करने पर बोले उमर
Modified Date: February 13, 2025 / 06:14 pm IST
Published Date: February 13, 2025 6:14 pm IST

(जेहरा शफी)

श्रीनगर, 13 फरवरी (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य का दर्जा बहाल होने को लेकर आशा व्यक्त करते हुए बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब समय आ गया है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में इस मसले को उठाया था, उमर ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया चल रही है और इसे तत्काल तार्किक निष्कर्ष पर ले जाने की आवश्यकता है।

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उन्होंने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा, तो उसने ‘‘जितनी जल्दी हो सके’’ राज्य का दर्जा बहाल करने का सामान्य उल्लेख किया था।

केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था जिसने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था। इसके साथ प्रदेश को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख – में विभाजित कर दिया था ।

अब्दुल्ला ने ‘पीटीआई-वीडियो’ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘इस पर जल्द से जल्द चर्चा की गई थी और यह एक साल से भी अधिक समय पहले की बात है। हमें लगता है कि अब समय आ गया है।’’

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गृह मंत्री के साथ उनकी ‘‘बहुत अच्छी बातचीत’’ हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘यह जारी बातचीत का हिस्सा है और मुझे पूरी उम्मीद है कि जल्द ही राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या पिछले साल उनके पदभार संभालने के बाद से दिल्ली तथा जम्मू कश्मीर के बीच की दूरी कम हुई है, मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जो दूरी को बढ़ाती हैं। उन्होंने हाल ही में उत्तरी कश्मीर के सोपोर एवं जम्मू के कठुआ जिले के बिलावर में दो लोगों की हत्या का हवाला दिया।

उन्होंने कहा कि हालांकि सुरक्षा और पुलिस केंद्र शासित निर्वाचित सरकार की प्रत्यक्ष जिम्मेदारी नहीं है, फिर भी यह सुनिश्चित करना संयुक्त जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक ​​लोगों का सवाल है, सरकार है। वे यह नहीं कहने जा रहे हैं कि सरकार में कौन जिम्मेदार है। यह हमारा सामूहिक कर्तव्य है और हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि ऐसी घटनाएं न हों। यही कारण है कि गृह मंत्री के साथ मेरी बातचीत का यह एक प्रमुख हिस्सा था।’’

अब्दुल्ला ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) द्वारा उनकी सरकार की आलोचना को भी खारिज करते हुए कहा कि पार्टी हाल ही में हुए चुनावों में हार के बाद अपनी प्रतिक्रिया दे रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद नहीं है कि पार्टी हमारी सराहना करेगी।’’

उन्होंने यह भी कहा कि वह आमतौर पर ऐसी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया नहीं देते हैं।

उन्होंने माना कि जम्मू-कश्मीर पर शासन करना चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर पर शासन करना कभी आसान नहीं होता। 2009 से 2015 के बीच यह आसान नहीं था। अब भी यह आसान नहीं है और मुझे नहीं लगता कि जम्मू-कश्मीर का कोई भी मुख्यमंत्री यह कह सकता है कि उसका कार्यकाल आसान था।’’

भाषा रंजन नरेश

नरेश


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