नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) सार्स-सीओवी-2 के नए जेएन.1 स्वरूप के जीनोम अनुक्रमण पर काम कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने बताया कि अब तक देश भर में कोविड-19 के उप स्वरूप जेएन.1 के 21 मामले पाए गए हैं। पॉल ने कहा कि भारत में वैज्ञानिक समुदाय नए स्वरूप की बारीकी से जांच कर रहा है। उन्होंने राज्यों को परीक्षण बढ़ाने और अपने निगरानी तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, गोवा में कोविड-19 उप-स्वरूप जेएन.1 के 19 मामले तथा केरल और महाराष्ट्र में एक-एक मामले का पता लगाया गया है। पिछले दो हफ्तों में, कोविड-19 से संबंधित 16 मौतें दर्ज की गईं, जिनमें अधिकतर लोग पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे।
देश में कोविड मामलों में वृद्धि के बीच, पॉल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि संक्रमित लोगों में से लगभग 91 से 92 प्रतिशत लोगों में बीमारी के हल्के लक्षण देखने को मिले हैं और वे घर पर ही उपचार का विकल्प चुन रहे हैं। कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने के मामलों में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है।
अधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है, वे पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे होते हैं।
जेएन.1 को वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ (वीओआई) करार दिया गया है। जेएन.1 के मामले अमेरिका, चीन, सिंगापुर, भारत में आए हैं। वर्तमान में यह ज्ञात नहीं है कि जेएन.1 संक्रमण अन्य स्वरूपों से भिन्न लक्षण उत्पन्न करता है या नहीं।
भाषा आशीष पवनेश
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