नालियों के निर्माण पर रोक लगाने से संबंधित याचिका पर विचार करे आईडीएमसी: एनजीटी

नालियों के निर्माण पर रोक लगाने से संबंधित याचिका पर विचार करे आईडीएमसी: एनजीटी

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  • Publish Date - November 3, 2020 / 12:46 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एकीकृत नाला प्रबंधन प्रकोष्ठ (आईडीएमसी) को यहां छतरपुर एंक्लेव में सीवर लाइनें बिछाने की जगह नालियां बनाए जाने पर रोक लगाने से संबंधित याचिका पर विचार का निर्देश दिया है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि नालियों के रखरखाव और इससे संबंधित मामलों की देखरेख के लिये दिल्ली के मुख्य सचिव के मातहत आईडीएमसी का गठन किया गया था।

पीठ ने कहा, ”हमें लगता है कि आईडीएमसी को आवेदन में उठाए गए मुद्दे पर विचार करना चाहिये। हम उसी के अनुसार आदेश जारी कर रहे हैं। इस आदेश की एक प्रति को आवेदन के साथ आईडीएमसी के सदस्य सचिव दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के पास भेजी जाए, ताकि वह इस पर पर्याप्त विचार करके कानून के अनुसार निर्णय ले सकें।”

अधिकरण ने शहर के निवासी महेश चंद्र सक्सेना की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में नयी दिल्ली के छत्तरपुर एंक्लेव में सीवर लाइन बिछाने के बजाय नालियों का निर्माण किये जाने पर रोक लगाने की अपील की गई थी।

याचिका के अनुसार दिल्ली में 1,700 अनाधिकृत कॉलोनियों में नालियों, सेप्टिक टैंकों और सोक पिट का निर्माण किया जा रहा है।

याचिका में कहा गया है, ”इससे भूजल प्रदूषित होता है। इसके अलावा वर्षा जल संचयन प्रणाली का निर्माण किया जाना चाहिये जिसके लिए अधिकरण पहले ही निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। परिणामस्वरूप बारिश का पानी गंद पानी में मिल जाता है।”

याचिका के अनुसार, ”दिल्ली सरकार ने गंदे पानी के संग्रह के लिए पाइपलाइन बिछाने के बजाय नालियों का निर्माण शुरू कर दिया है। पेयजल की पाइपलाइन इन नालियों के पास से गुजर रही हैं। खुले नालों के कारण, बैक्टीरिया और मच्छर पैदा होते हैं और कभी-कभी गंदा पानी घरों में घुस जाता है।”

भाषा जोहेब उमा

उमा