यदि भारतीय भाषाएं देवनागरी लिपि में लिखी जातीं तो आपसी समझ आसान हो जाती : हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल

यदि भारतीय भाषाएं देवनागरी लिपि में लिखी जातीं तो आपसी समझ आसान हो जाती : हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल

यदि भारतीय भाषाएं देवनागरी लिपि में लिखी जातीं तो आपसी समझ आसान हो जाती : हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल
Modified Date: June 5, 2025 / 09:24 pm IST
Published Date: June 5, 2025 9:24 pm IST

शिमला, पांच जून (भाषा) हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने बृहस्पतिवार को भाषाई समझ को बढ़ावा देने में एकीकृत लिपि के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यदि सभी भारतीय भाषाएं देवनागरी लिपि में लिखी जाएं तो आपसी समझ काफी आसान हो जाएगी।

भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (आईआईएएस), शिमला में ‘भारतीय भाषाओं के बीच अनुवाद की समस्याएं: दक्षिण भारतीय भाषाओं में तुलसीदास के रामचरितमानस के अनुवाद का एक अध्ययन’ विषय पर दो-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए उन्होंने भारत के समृद्ध बहुभाषी ताने-बाने पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि भारत की आध्यात्मिक विरासत का संरक्षण और भावी पीढ़ियों तक उसका हस्तांतरण मुख्यतः अनुवाद के माध्यम से ही संभव है।

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यहां जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि भाषाई विविधता के बावजूद ‘विविधता में एकता’ की भावना हमारे देश की ताकत को परिभाषित करती है।

राज्यपाल ने संगोष्ठी के विषय को केवल भाषाई सरोकार ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बताया।

उन्होंने कहा कि अनुवाद भारत में बोली जाने वाली सैकड़ों भाषाओं और बोलियों के बीच संचार के लिए एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करता है।

गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस का उल्लेख करते हुए शुक्ल ने इसे एक मौलिक ग्रंथ बताया जो उत्तर भारतीय सांस्कृतिक पहचान का आधार है।

उन्होंने इस कृति की सराहना करते हुए कहा कि यह वाल्मीकि रामायण और अध्यात्म रामायण दोनों का रचनात्मक पुनर्कथन है, तथा इसे धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे एक वैश्विक महाकाव्य बताया।

उन्होंने कहा, “यह देखकर खुशी होती है कि अन्य धर्मों के कटु आलोचक भी तुलसीदास की काव्य प्रतिभा से प्रभावित हैं।”

राज्यपाल ने कहा कि यद्यपि तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम जैसी दक्षिणी भारतीय भाषाओं की अपनी रामायण परंपराएं हैं, तथापि रामचरितमानस ने इस क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी है।

भाषा प्रशांत सुरेश

सुरेश


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