अगर लोग अपनी जाति की बात करेंगे तो जातीय संघर्ष चलता रहेगा : कुमारस्वामी
अगर लोग अपनी जाति की बात करेंगे तो जातीय संघर्ष चलता रहेगा : कुमारस्वामी
रामनगर (कर्नाटक), 18 मई (भाषा) कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने बृहस्पतिवार को स्वीकार किया कि 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस की ‘पांच गारंटी ने लोगों को अपनी ओर खींचा’’ लेकिन उनकी पार्टी जनता दल (सेक्युलर) के कार्यक्रम ‘पंचरत्न’ को वह प्यार नहीं मिला।
विभिन्न समुदायों की मांग कि मुख्यमंत्री उनके समुदाय या जाति के नेता को बनाया जाए, कुमारस्वामी ने कहा कि मुख्यमंत्री किसी समुदाय का नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें राज्य की 6.5 करोड़ जनता के कल्याण के लिए काम करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि वह देखना चाहेंगे कि कांग्रेस अपनी ‘पांच गारंटी’ को कैसे लागू करती है और उनका लाभ लेने के लिए क्या पूर्वशर्तें रखती है।
कुमारस्वामी ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने जिस पंचरत्न योजना का वादा किया और जिसे लोकप्रिय बनाने के लिए मैंने छह महीनों तक दिन-रात एक कर दिया, वह जनता को अपनी ओर नहीं खींच पाया। जनता संभवत: 2,000 रुपये की उन छोटी-छोटी गारंटी की ओर आकर्षित हो गयी।’’
जद (एस) की पंचरत्न योजना में शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, किसान कल्याण और रोजगार से जुड़ा पांच सूत्री कार्यक्रम था।
कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में जद (एस) को महज 19 सीटें मिली हैं जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में उसे 37 सीटें मिली थीं।
कांग्रेस की ‘पांच गारंटी’ की सफलता के बारे में कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘हमें देखना होगा। इन योजनाओं को बनाने वाले लोग क्या मुझसे ज्यादा अनुभवी नहीं हैं? उन्होंने कुछ तो गणना की होगी।’’
कांग्रेस ने ‘पांच गारंटी’ के तहत प्रत्येक घर को 200 यूनिट मुफ्त बिजली और परिवारों की महिला मुखिया को प्रतिमाह 2,000 रुपये देने का वादा किया है।
चुनाव परिणाम का संदर्भ देते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी के लिए ‘‘इतने खराब परिणाम’’ की आशा नहीं थी। इससे पहले 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) सुप्रीमो एच. डी. देवेगौड़ा दो जगहों से चुनाव हार गए थे और पार्टी के हिस्से में महज 10 सीटें आयी थीं, लेकिन पांच साल बाद उसने शानदार वापसी करते हुए 58 सीटें जीतीं।
उन्होंने कहा, ‘‘वही लोग जिन्होंने यह जनादेश (2023 के चुनाव में) दिया है, आने वाले दिनों में जद (एस) को खोजेंगे। इसलिए में आशान्वित हूं।’’
जद (एस) का गढ़ माने जाने वाले मांड्या की सात में से महज एक सीट पर पार्टी की जीत के संबंध में सवाल करने पर कुमारस्वामी ने कहा कि भाजपा उनकी पार्टी का ‘‘खात्मा करना चाहती थी।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इसके लिए पैसों की नदी बहायी गई और इसी वजह से हम हार गए।’’
प्रभावशाली वोक्कालिगा समुदाय के धर्मगुरुओं द्वारा किसी वोक्कालिगा को मुख्यमंत्री बनाने की मांग पर जद (एस) नेता ने कहा कि संतों ने संभवत: प्रेमवश ऐसा कहा होगा।
कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘उन्होंने (वोक्कालिगा संतों) ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वे चाहते थे कि उनके समुदाय से कोई मुख्यमंत्री बने। मैं इसे गलत नहीं कहूंगा लेकिन एक बात कहना चाहूंगा कि जब लोग अपनी जाति की बात करेंगे, तो जातीय संघर्ष चलता रहेगा। यह मेरा विचार है।’’
कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री किसी समुदाय का नहीं होना चाहिए बल्कि उसे राज्य की 6.5 करोड़ जनता के भले के लिए काम करना चाहिए।’’
भाषा अर्पणा अविनाश
अविनाश

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