सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, प्रमोशन में आरक्षण मांगना मौलिक अधिकार नही, इसके लिए राज्य सरकारें भी बाध्य नही

सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, प्रमोशन में आरक्षण मांगना मौलिक अधिकार नही, इसके लिए राज्य सरकारें भी बाध्य नही

सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, प्रमोशन में आरक्षण मांगना मौलिक अधिकार नही, इसके लिए राज्य सरकारें भी बाध्य नही
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: February 9, 2020 11:02 am IST

नई दिल्ली। सरकारी नौकरियों में प्रमोशन के आरक्षण की मांग करना मौलिक अधिकार नहीं है, यह अहम फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की अपील पर यह फैसला सुनाया।जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच ने कहा कि सरकारी सेवा में कुछ समुदायों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व न दिए जाने का आंकड़ा सामने लाए बिना राज्य सरकारों को ऐसे प्रावधान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

ये भी पढ़ें: फिल्म देखकर जब रोने लगे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, वीडि…

कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अनुच्छेद 16 (4) और 16 (4-ए) आरक्षण लागू करने की शक्ति जरूर देता है, लेकिन तभी जब राज्य सरकार यह मानती हो कि सरकारी सेवाओं में कुछ समुदायों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है। बेंच ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि राज्य सरकार आरक्षण देने को प्रतिबद्ध नहीं है। लेकिन किसी व्यक्ति द्वारा इसको लेकर दावा करना मौलिक अधिकारों का हिस्सा नहीं है और न ही इस संबंध में कोर्ट राज्य सरकार को कोई आदेश जारी कर सकता है।”

 ⁠

ये भी पढ़ें: Delhi Election 2020: शाहीन बाग के बूथों पर उमड़ी मतदाताओं की भीड़, …

एससी के इस फैसले से उत्तराखंड हाईकोर्ट के 2012 में दिया गया फैसला निष्प्रभावी हो गया, जिसमें विशेष समुदायों को कोटा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को आदेश दिया गया था। उत्तराखंड हाई काेर्ट ने राज्य सरकार काे निर्देश दिया था कि प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए क्वांटिटेटिव डेटा इकठ्ठा करने को कहा था। इसके जरिए यह पता लगाया जाना था कि सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी वर्ग का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है या नहीं, ताकि प्रमोशन में आरक्षण दिया जा सके। इस फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी ने राहुल गांधी के डंडा मारने वाली बात का दिया जवाब, कहा ‘…


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com