कश्मीर में फिर से धारा 370 लगाना नामुमकिन, कांग्रेस नहीं जीत पाएगी 300 सीट, गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान |Impossible to impose Article 370 again in Kashmir, Congress will not be able to win 300 seats, Ghulam Nabi Azad's big statement

कश्मीर में फिर से धारा 370 लगाना नामुमकिन, कांग्रेस नहीं जीत पाएगी 300 सीट, गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान

सार्वजनिक रूप से धारा 370 पर अपनी रखते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि केवल सुप्रीम कोर्ट, जहां मामला लंबित है, और केंद्र ही इसे बहाल कर सकते हैं। पुंछ जिले के कृष्णाघाटी इलाके में एक रैली में उन्होंने कहा कि चूंकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया है, इसलिए वह इसे बहाल नहीं करेगी।

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : December 2, 2021/11:57 am IST

श्रीनगर। सार्वजनिक रूप से धारा 370 पर अपनी रखते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि केवल सुप्रीम कोर्ट, जहां मामला लंबित है, और केंद्र ही इसे बहाल कर सकते हैं। पुंछ जिले के कृष्णाघाटी इलाके में एक रैली में उन्होंने कहा कि चूंकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया है, इसलिए वह इसे बहाल नहीं करेगी।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को कहा कि अभी जैसा हालात हैं, उससे उन्हें नहीं लगता है कि अगले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 300 सीटें मिलेंगी। उन्होंने कहा, “और हमारे पास 300 सांसद (सरकार बनाने के लिए जरूरी) कब होंगे? इसलिए, मैं अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा नहीं कर सकता, क्योंकि हमें 2024 में 300 सांसदों को लाना होगा। चाहे जो हो जाए, भगवान हमारे 300 सांसद बनाएं, तभी कुछ हो सकेगा। लेकिन वर्तमान में मुझे यह नहीं दिख रहा है कि ऐसा हो सकेगा। इसलिए मैं कोई झूठा वादा नहीं करूंगा और धारा 370 के बारे में बात करने से बचूंगा।”

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वर्तमान में पुंछ और राजौरी के दौरे पर गए आजाद ने हाल ही में कश्मीर में कहा था कि अनुच्छेद 370 पर बात करना अप्रासंगिक है। कहा कि उनकी मुख्य मांगें जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करना और विधानसभा चुनाव जल्दी कराना है।

उनके बयान की नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले ही हार मान ली है।

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इस पर आजाद ने कहा कि वह अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का विरोध करते रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं अकेले ही पिछले तीन सालों से संसद में इस बारे में बोल रहा हूं।” आजाद ने कहा “सरकार के साथ हमारी लड़ाई यह है कि जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया और राज्य का विभाजन किया गया, तो मैंने कहा कि केंद्र सरकार को संविधान में बदलाव लाने का अधिकार है, लेकिन यह जम्मू-कश्मीर की विधानसभा के माध्यम से आएगा, न कि संसद के माध्यम से आएगा।”

 
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