जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में भूस्खलन के खतरे के मद्देनजर 22 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया

जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में भूस्खलन के खतरे के मद्देनजर 22 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया

जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में भूस्खलन के खतरे के मद्देनजर 22 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया
Modified Date: April 19, 2025 / 03:45 pm IST
Published Date: April 19, 2025 3:45 pm IST

जम्मू, 19 अप्रैल (भाषा) जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भूस्खलन के खतरे के मद्देनजर कम से कम 22 परिवारों को एहतियाती तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि प्रसिद्ध मचैल माता मंदिर को जोड़ने वाले किश्तवाड़-पेडर मार्ग भी शनिवार को लगातार तीसरे दिन यातायात के लिए बंद रखा गया।

जिला विकास आयुक्त राजेश कुमार शवन ने किश्तवाड़-पेडर रोड के साथ सिंगराह नाला, पथरनाकी में भूस्खलन संभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया।

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नागसिनी के तहसीलदार मोहम्मद रफी नाइक ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया,‘‘हमने जमीन धंसने और भूस्खलन के खतरे के कारण स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए कुछ निवारक उपाय किए हैं। पहाड़ी पर स्थित गांव के करीब 22 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और उन्हें तंबू और राशन मुहैया कराया गया है। हालांकि किसी भी घर में कोई दरार नहीं आई है।’’

नाइक भूस्खलन संभावित क्षेत्र में स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जमीन धंसने की वजह से सड़क का 200 मीटर से अधिक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है, जबकि पहाड़ी से लगातार गिर रहे पत्थरों के कारण सड़क साफ करने के काम में बाधा आ रही है।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन स्थिति से अवगत है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए कड़ी नजर रखे हुए है।

सर्दियों के बाद, एक सप्ताह पहले ही मचैल माता मंदिर को तीर्थयात्रियों के लिए खोला गया था, जिसके साथ ही वार्षिक तीर्थयात्रा की शुरुआत हुई थी। हालांकि, पथरनाकी के पास सड़क बंद होने और भूस्खलन के खतरे के कारण यात्रा प्रभावित हुई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस स्थिति के लिए नजदीक में नदी पर बन रही 624 मेगावाट की किरू जलविद्युत परियोजना के लिए एजेंसी द्वारा बड़े पैमाने पर किये जा रहे विस्फोट जिम्मेदार हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि परियोजना स्थल की गहन जांच के बाद जिला विकास आयुक्त ने जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (जीआरईएफ) अधिकारियों को सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित कर काम में तेजी लाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए।

भाषा धीरज सुभाष

सुभाष


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