‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने अपने सामरिक लक्ष्य हासिल किए: विशेषज्ञ

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने अपने सामरिक लक्ष्य हासिल किए: विशेषज्ञ

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने अपने सामरिक लक्ष्य हासिल किए: विशेषज्ञ
Modified Date: May 14, 2025 / 03:45 pm IST
Published Date: May 14, 2025 3:45 pm IST

नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) सामरिक मामलों के एक विशेषज्ञ ने बुधवार को कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत पेश किया और आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने एवं पाकिस्तान पर अपनी सैन्य श्रेष्ठता दर्शाने के अपने सामरिक उद्देश्यों को पूरा करने से भी आगे जा कर बेहतर प्रदर्शन किया।

अमेरिकी ‘थिंक टैंक’ ‘मॉडर्न वार इंस्टीट्यूट’ में ‘अर्बन वारफेयर स्टडीज’ के अध्यक्ष जॉन स्पेंसर ने कहा कि भारत ने सात मई को शुरू किए गए अपने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में किसी भी लक्ष्य पर ‘‘अपनी इच्छानुसार’’ हमला कर सकने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया और सीमा पार आतंकवाद के लिए ‘‘चेतावनी वाली नयी रेखा’’ खींच कर उसे लागू किया।

‘मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट’ (एमडब्ल्यूआई) खुद को ‘यूनाइटेड स्टेट्स मिलिट्री अकेडमी’ के ऐसे राष्ट्रीय संसाधन के रूप में वर्णित करता है जो हालिया संघर्षों का अध्ययन करता है।

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पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। भारत की कार्रवाई के बाद जब पाकिस्तान ने भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों और असैन्य क्षेत्रों को निशाना बनाने का प्रयास किया तो भारतीय सशस्त्र बलों ने चार दिनों की अवधि में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भीषण जवाबी हमले किए।

इसके बाद दोनों पक्षों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर 10 मई की दोपहर को सहमति बनी।

स्पेंसर ने भारत एवं पाकिस्तान के बीच संघर्ष पर एक लेख में लिखा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल अपने सामरिक उद्देश्यों को पूरा किया बल्कि उससे भी आगे निकलकर काम किया। इसके तहत आतंकवादी ढांचों को नष्ट किया गया, सैन्य श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया गया, हमले रोकने की क्षमता को दर्शाया गया और एक नए राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत को पेश किया गया।’’

उन्होंने संघर्ष के विभिन्न आयामों का विश्लेषण करते हुए कहा, ‘‘चेतावनी वाली एक नयी रेखा खींची गई और उसे लागू किया गया। यह रेखा है : पाकिस्तानी धरती से होने वाले आतंकवादी हमलों का अब सैन्य बल से सामना होगा।’’

स्पेंसर ने कहा, ‘‘यह कोई धमकी नहीं है। यह एक मिसाल है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों, ड्रोन समन्वय केंद्रों, यहां तक कि ‘एयरबेस’ समेत किसी भी लक्ष्य पर हमला करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। इस बीच, पाकिस्तान भारत के अंदर एक भी सुरक्षित क्षेत्र में घुसने में असमर्थ रहा।’’

स्पेंसर ने कहा, ‘‘यह समानता नहीं है। यह अभूतपूर्व श्रेष्ठता है। इससे पता चलता है कि वास्तविक प्रतिरोध क्या होता है।’’

स्पेंसर ने तर्क दिया कि भारत ने पाकिस्तानी कार्रवाइयों का ‘‘पुरजोर तरीके से जवाब’’ दिया लेकिन यह ‘‘पूर्ण युद्ध’’ बनने से पहले ही रुक गया। उन्होंने कहा कि ‘‘तनाव बढ़ने पर नियंत्रण’’ ने एक स्पष्ट संकेत दिया कि भारत जवाब देगा और वह गति को भी नियंत्रित करेगा।

उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कूटनीतिक पहलू पर भी चर्चा करते हुए कहा कि भारत ने ‘‘अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता’’ का अनुरोध किए बिना संकट को संभाला।

स्पेंसर ने ‘एक्स’ पर साझा किए गए अपने लेख में लिखा, ‘‘इसने संप्रभु शर्तों पर सिद्धांत लागू किया, संप्रभु साधनों का उपयोग किया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कब्जे या शासन परिवर्तन को लेकर नहीं था।’’

उन्होंने कहा कि इसे विशिष्ट उद्देश्यों के लिए अंजाम दिया गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि सामरिक सफलता विनाश के पैमाने से नहीं, बल्कि वांछित राजनीतिक प्रभाव प्राप्त करने से जुड़ी है।

स्पेंसर ने कहा, ‘‘भारत प्रतिशोध के लिए नहीं लड़ रहा था। यह प्रतिरोध के लिए लड़ रहा था, और यह काम कर गया।’’

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा


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