भारत-बांग्लादेश संबंध क्षेत्रीय सम्पर्क में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं: उच्चायुक्त

भारत-बांग्लादेश संबंध क्षेत्रीय सम्पर्क में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं: उच्चायुक्त

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  • Publish Date - April 30, 2024 / 08:36 PM IST,
    Updated On - April 30, 2024 / 08:36 PM IST

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान ने मंगलवार को कहा कि भारत और बांग्लादेश की नियति आपस में जुड़ी हुई है और दोनों देशों के बीच संबंध क्षेत्रीय ‘कनेक्टिविटी’ (सम्पर्क) में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

रहमान ने यहां एक विचार मंच में एक संवाद सत्र में यह भी कहा कि दक्षिण एशिया दुनिया के सबसे कम एकीकृत क्षेत्रों में से एक है और एक ‘सहक्रियात्मक दृष्टिकोण’ क्षेत्रीय एकीकरण सुनिश्चित कर सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे दोनों देशों और लोगों की नियति आपस में जुड़ी हुई है, न केवल हमारी भौगोलिक निकटता, साझा इतिहास, संस्कृति, विरासत और मूल्य प्रणाली के कारण, बल्कि उस अमिट बंधन के कारण भी जो एकसाथ खड़े होने पर बना था, जब 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति के लिए एकसाथ खून बहाया था।’’

बांग्लादेश के उच्चायुक्त रहमान ने एक मजबूत दक्षिण एशिया के निर्माण के लिए भारत और बांग्लादेश के साझा दृष्टिकोण का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हाल के वर्षों में, बांग्लादेश और भारत के नेताओं ने एक मजबूत दक्षिण एशिया के निर्माण के महत्व पर जोर दिया है।’

उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश सरकार वर्तमान में ढाका को एशिया में पारगमन और व्यापार के केंद्र के रूप में स्थापित करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ आर्थिक कूटनीति पर ध्यान केंद्रित कर रही है।’

उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश का लक्ष्य जमीन से घिरे नेपाल, भूटान और पूर्वोत्तर भारत के लिए प्रवेश द्वार के रूप में काम करना है।’

रहमान ने कहा कि बांग्लादेश को सड़क, रेल, जलमार्ग, हवाई संपर्क और बिजली पारेषण सहित ‘कनेक्टिविटी’ के केंद्र के रूप में स्थापित करने के प्रयास चल रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि बांग्लादेश-भारत संबंध क्षेत्रीय ‘कनेक्टिविटी’ और क्षेत्रीय एकीकरण में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है।’

रहमान ने भारत की ‘पड़ोसी पहले नीति’ की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ‘कनेक्टिविटी’ को और बढ़ाने के वास्ते भारत-म्यांमा-थाईलैंड राजमार्ग परियोजना के लिए बांग्लादेश एक महत्वपूर्ण भागीदार हो सकता है।

भाषा अमित रंजन

रंजन