First indigenous MRI machine: भारत के वैज्ञानिकों ने फिर किया कमाल.. विकसित की पहली स्वदेशी MRI मशीन, इस राज्य के AIIMS में होगा स्टॉल

MRI स्कैनर एक गैर-इनवेसिव मेडिकल इमेजिंग तकनीक है, जिसका उपयोग नरम ऊतकों और आंतरिक अंगों की विस्तृत जांच के लिए किया जाता है। दूसरी ओर, लीनियर एक्सेलेरेटर (LINAC) कैंसर के उपचार के लिए उच्च-ऊर्जा एक्स-रे या इलेक्ट्रॉन बीम का उपयोग करता है।

First indigenous MRI machine: भारत के वैज्ञानिकों ने फिर किया कमाल.. विकसित की पहली स्वदेशी MRI मशीन, इस राज्य के AIIMS में होगा स्टॉल

India First indigenous MRI machine || Image- ANI News file

Modified Date: March 25, 2025 / 10:59 pm IST
Published Date: March 25, 2025 10:59 pm IST
HIGHLIGHTS
  • भारत ने पहली स्वदेशी 1.5 टेस्ला एमआरआई मशीन विकसित की।
  • अक्टूबर तक एम्स दिल्ली में परीक्षण के लिए होगी स्थापित।
  • चिकित्सा उपकरणों की आयात निर्भरता कम करने की बड़ी पहल।

India First indigenous MRI machine: मुंबई: भारत ने अपनी पहली स्वदेशी एमआरआई मशीन विकसित कर ली है, जिसे इस साल अक्टूबर तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में परीक्षण के लिए स्थापित किया जाएगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य चिकित्सा उपचार की लागत को कम करना और आयातित चिकित्सा उपकरणों पर निर्भरता घटाना है, क्योंकि वर्तमान में भारत में इस्तेमाल होने वाले 80-85% चिकित्सा उपकरण आयात किए जाते हैं। स्वदेशी एमआरआई मशीन भारत को चिकित्सा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और अन्य प्रमुख संस्थानों के सहयोग से 1.5 टेस्ला एमआरआई स्कैनर विकसित किया गया है। इस उद्देश्य के लिए मुंबई स्थित SAMEER के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) भी किया गया है, जो एक स्वायत्त अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला के रूप में कार्यरत है।

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India First indigenous MRI machine: एम्स दिल्ली के निदेशक, डॉ. एम. श्रीनिवास ने कहा, “भारत में क्रिटिकल केयर, पोस्ट-ऑपरेटिव केयर, आईसीयू, रोबोटिक्स और एमआरआई जैसी महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रणालियों के लिए अधिकांश उपकरण आयात किए जाते हैं। लगभग 80-90% उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा उपकरण विदेशों से आते हैं। लेकिन भारत के पास दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक और इंजीनियर हैं, तो हमें भी उच्च गुणवत्ता वाले स्वदेशी उपकरण विकसित करने चाहिए। यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC), त्रिवेंद्रम और कोलकाता, इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) और दयानंद सागर इंस्टीट्यूट (DSI) के सहयोग से इस परियोजना को कार्यान्वित किया है। SAMEER को MRI स्कैनर और 6 MEV लीनियर एक्सेलेरेटर (LINAC) के विकास की जिम्मेदारी दी गई है।

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India First indigenous MRI machine: MRI स्कैनर एक गैर-इनवेसिव मेडिकल इमेजिंग तकनीक है, जिसका उपयोग नरम ऊतकों और आंतरिक अंगों की विस्तृत जांच के लिए किया जाता है। दूसरी ओर, लीनियर एक्सेलेरेटर (LINAC) कैंसर के उपचार के लिए उच्च-ऊर्जा एक्स-रे या इलेक्ट्रॉन बीम का उपयोग करता है। इन दोनों परियोजनाओं को MeitY से वित्तीय सहायता मिली है ताकि भारत चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम कर सके और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ सके। (ANI)


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