बेंगलुरु, तीन फरवरी (भाषा) सरकार ने 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदने के लिए हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ बुधवार को 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया।
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रक्षा मंत्रालय के खरीद मामलों के महानिदेशक वी एल कांता राव ने एचएएल के प्रबंध निदेशक एवं अध्यक्ष आर माधवन को यह अनुबंध ‘एयरो इंडिया-2021’ के उद्घाटन अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदी में सौंपा।
इस अवसर पर सिंह ने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं की एचएएल को भारतीय वायुसेना से 83 नए स्वदेशी एलसीए तेजस एमके1ए के निर्माण का अनुबंध मिला है, जिसकी अनुमानित लागत 48,000 करोड़ रुपये से अधिक है।’’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘यह संभवत: आज तक का सबसे बड़ा ‘मेक इंन इंडिया’ रक्षा अनुबंध है।’’
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एचएएल द्वारा निर्मित तेजस एक इंजन वाला, बेहद कुशल बहुउद्देश्यीय सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) ने भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए पिछले माह एचएएल से 73 तेजस एमके-1ए तथा 10 एलसीए तेजस एमके-1 प्रशिक्षु विमान खरीद की मंजूरी दी थी।
सिंह ने मंगलवार को एचएएल के दूसरे एलसीए-तेजस निर्माण संयंत्र का यहां उद्घाटन किया था और कहा था कि तेजस न सिर्फ स्वदेश निर्मित है, बल्कि अपने स्तर वाले अन्य विदेशी विमानों से कई मायनों में बेहतर है और उनकी तुलना में किफायती है।
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माधवन ने कहा कि 48,000 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत भारतीय वायुसेना को तेजस एलसीए की आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी और कुल 83 विमानों की आपूर्ति पूरी होने तक सालाना करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कई देशों ने तेजस विमान खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है और इसके निर्यात का ऑर्डर अगले एक-दो वर्ष में मिलने की उमीद है।