नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य के दृष्टिकोण के बीच संतुलन बनाए रखते हुए पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के लिए एक स्पष्ट रोडमैप के साथ आगे बढ़ रहा है।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उन्होंने कहा कि अगर भारत ने अपने 4-जी और 5-जी दूरसंचार नेटवर्क का विस्तार किया है तो उसने अपने वन क्षेत्र को भी समान स्तर पर बढ़ाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल विश्व पर्यावरण दिवस का विषय एकल उपयोग वाले प्लास्टिक (सिंगल-यूज प्लासटिक) से छुटकारा पाना है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में दुनिया आज बात कर रही है लेकिन भारत पिछले चार-पांच वर्षों से लगातार इस दिशा में काम कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2018 में ही भारत ने सिंगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा पाने के लिए दो स्तरों पर काम करना शुरू कर दिया था। एक तरफ, हमने इस पर प्रतिबंध लगा दिया और दूसरी तरफ हमने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रसंस्करण को अनिवार्य बना दिया।’’
उन्होंने कहा कि भारत अपने विकास के लिए किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह बड़े पैमाने पर पर्यावरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ हमने गरीबों को मदद मुहैया कराई है और दूसरी तरफ भविष्य की ईंधन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भी बड़े कदम उठाए हैं।’’
मोदी ने कहा कि पिछले नौ साल में भारत ने ‘हरित और स्वच्छ ऊर्जा’ पर काफी ध्यान केंद्रित किया है।
भाषा
ब्रजेन्द्र मनीषा
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