भारतीय तटरक्षक बल ने विषम परिस्थितियों में बचाई विदेशी पोत पर सवार नाविक की जान

भारतीय तटरक्षक बल ने विषम परिस्थितियों में बचाई विदेशी पोत पर सवार नाविक की जान

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  • Publish Date - August 14, 2023 / 01:03 PM IST,
    Updated On - August 14, 2023 / 01:03 PM IST

कोच्चि (केरल), 14 अगस्त (भाषा) भारतीय तटरक्षक बल ने मौसम की प्रतिकूल परिस्थतियों के बावजूद केरल तट के पास एक विदेशी पोत से गंभीर रूप से बीमार एक नाविक को बीच समुद्र में चिकित्सकीय निकासी अभियान चलाकर बाहर निकाला और उसकी जान भी बचाई। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

बयान में बताया गया कि तटरक्षक बल ने एमवी इवेलिन मार्सक से फिलीपीन के नागरिक वैलिद ओला गिलबर्ट को चिकित्सकीय स्थिति के कारण पोत से बाहर निकाला। उसे उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) में स्थानांतरित करना मुश्किल था।

इसमें बताया कि एमवी इवेलिन मार्सक पोत कोलंबो से स्वेज नहर जा रहा था और जब सहायता का अनुरोध मिला, उस समय पोत कोच्चि से 110 मील दूर था।

रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) के कार्यालय ने भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर ‘‘तेजी से समन्वित चिकित्सा निकासी अभियान’’ की जानकारी दी।

उसने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय तटरक्षक बल ने तेजी से चिकित्सकीय निकासी अभियान चलाकर गंभीर रूप से बीमार उस नाविक की जान बचा ली, जिसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराए जाने की आवश्यकता थी। फिलीपीन के नागरिक वैलिद ओला गिलबर्ट (55 साल) स्वेज नहर जा रहे एम वी इवेलिन मार्सक में सवार थे, तभी कोच्चि से 110 समुद्री मील दूरी पर वह बेहोश हो गए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मरीज बेहोश था और सीपीआर की मदद से उसकी फिर से सांस आई। आईसीजीएस सी-427 ने मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए चिकित्सा निकासी अभियान सफलतापूर्वक चलाया। मरीज की हालत को स्थिर किया गया और उन्हें किनारे पर लाया गया, ताकि उनका इलाज समय पर शुरू हो सके।’’

रक्षा पीआरओ के बयान में कहा गया है कि मुंबई के समुद्री बचाव समन्वय केंद्र को चिकित्सकीय आपात स्थिति में फंसे नाविक के बारे में जानकारी 13 अगस्त को संयुक्त बचाव समन्वय केंद्र (जेआरसीसी) डेनमार्क के माध्यम से मिली थी।

इसमें बताया गया कि इसके बाद, पोत से संपर्क किया गया, टेली-मेडिकल (दूरसंचार के जरिए चिकित्सा) सहायता प्रदान की गई और संकटग्रस्त नाविक को निकालने की योजना बनाई गई।

बयान में बताया गया, ‘‘भारतीय तट रक्षक पोत, आईसीजीएस सी-427 विझिंजम से रवाना हुआ, स्थिति की नाजुकता और समुद्र में कठिन परिस्थितियों को समझते हुए सीजी एएलएच को कोच्चि से 110 समुद्री मील दूर समुद्र के बीच चिकित्सा निकासी करने के लिए भेजा गया।’’

इसमें कहा गया कि हेलीकॉप्टर जब विदेशी पोत के पास पहुंचा, तो पता चला कि मरीज को सुरक्षित बाहर निकालना संभव नहीं था क्योंकि वह हेलीकॉप्टर से किसी उपयुक्त स्थान पर ले जाए जाने की स्थिति में नहीं था।

इसके बाद, आईसीजीसी सी-427 ने समुद्र की विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए मरीज को पोत से निकाला और वह अधिकतम गति से विझिंजम बंदरगाह के लिए आगे बढ़ा।

बयान में कहा गया है, ‘‘निकासी पोत पर चढ़ाए जाने के बाद आईसीजी टीम ने मरीज की हालत को विझिंजम बंदरगाह जाने के रास्ते में ‘पोर्टेबल’ ऑक्सीजन सहायता और चिकित्सा सहायता से स्थिर किया। विंझिजम पहुंचने के बाद मरीज को नय्याट्टिनकारा स्थित निम्स ले जाया गया। भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के अनुकरणीय साहसिक चिकित्सा निकासी अभियान के कारण समुद्र में एक बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सका।’’

भाषा सिम्मी ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र