INS Tamal: भारतीय नौसेना की ताकत में होगा और इजाफा, आज समंदर में उतरेगा युद्धपोत ‘तमाल’.. जानिए क्या है खासियत
INS Tamal: भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा करेगा युद्धपोत ‘तमाल’.. आज उतरेगा समंदर में, जानिए क्या है खासियत
INS Tamal | Image Credit: @IndiannavyMedia
- आज समंदर में उतरेगा नौसेना का घातक योद्धा INS ‘तमाल’
- रूस में तैयार हुआ 3,900 टन वजनी स्टेल्थ फ्रिगेट INS तमाल
- आज INS तमाल का रूस में होगा कमीशन
INS Tamal: नई दिल्ली। आज भारतीय नौसेना में अत्याधुनिक युद्धपोत ‘तमाल’ शामिल होने जा रहा है। रूस के कालिनिनग्राद शहर में बना नया स्टेल्थ युद्धपोत INS ‘तमाल’ आज शाम भारतीय नौसेना में आधिकारिक तौर पर शामिल किया जाएगा। बता दें कि, यह वो आखिरी युद्धपोत है, जिसे भारत ने विदेशी जमीन पर बनवाया है। इसके बाद सभी युद्धपोत देश में ही बनेंगे।
भारतीय नौसेना की ताकत में होगा इजाफा
बता दें कि INS ‘तमाल’ को नौसेना के पश्चिमी कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल संजय जे. सिंह की मौजूदगी में कमीशन किया जाएगा। इस मौके पर भारत और रूस के कई रक्षा अधिकारी मौजूद रहेंगे। INS ‘तमाल’ नौसेना के बेड़े का हिस्सा बनेगा, जिससे भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होगा।
INS ‘तमाल’ की क्या खासियत है?
इंद्र के पौराणिक तलवार का नाम है ‘तमाल’
इस युद्धपोत की खास बात इसका नाम और प्रतीक है। ‘तमाल’, इंद्र के पौराणिक तलवार का नाम है, और इसकी प्रतीकात्मक पहचान ‘जाम्बवन्त’ व रूसी भालू से प्रेरित ‘ग्रेट बेयर्स’ है। तमाल भारतीय और रूसी सहयोग का प्रतीक है और इसका आदर्श वाक्य ‘सर्वदा सर्वत्र विजय’ इसके जज्बे को दर्शाता है। बता दें कि, 200 से ज्यादा भारतीय नौसैनिकों को इस युद्धपोत के संचालन और तकनीकी प्रणाली के लिए रूस में ट्रेनिंग दी गई है। वे तमाल की समुद्री ट्रायल्स में भी हिस्सा ले चुके हैं।
रूस से मिला आठवां दूसरा युद्धपोत है INS ‘तमाल’
तमाल रूस से मिला आठवां और तुशील क्लास का दूसरा युद्धपोत है। यह 2016 में हुए भारत-रूस रक्षा समझौते का हिस्सा है, जिसके तहत चार तलवार-क्लास स्टील्थ फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं। इनमें से दो रूस के यंतर शिपयार्ड में और दो भारत के गोवा शिपयार्ड में बन रहे हैं। तमाल को रूस के यंतर शिपयार्ड में भारतीय विशेषज्ञों की निगरानी में तैयार किया गया है। इसमें 26% स्वदेशी तकनीक शामिल है।
ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है INS ‘तमाल’
INS ‘तमाल’ जहाज 30 नॉट्स (55kmph) से ज्यादा की रफ्तार से चल सकता है और समुद्र के भीतर से लेकर हवा तक हमला करने की क्षमता रखता है। INS तमाल ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है और रडार की पकड़ में भी नहीं आएगा। इसे नौसेना के पश्चिमी बेड़े में शामिल किया जाएगा। जहां ये अरब-हिंद सागर में तैनात होगा और पाकिस्तानी सीमा की निगरानी करेगा।
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