ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विभिन्न प्रौद्योगिकियों का एकीकरण दुनिया के लिए अध्ययन का विषय बनेगा: सीतारमण

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विभिन्न प्रौद्योगिकियों का एकीकरण दुनिया के लिए अध्ययन का विषय बनेगा: सीतारमण

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विभिन्न प्रौद्योगिकियों का एकीकरण दुनिया के लिए अध्ययन का विषय बनेगा: सीतारमण
Modified Date: May 29, 2025 / 11:12 pm IST
Published Date: May 29, 2025 11:12 pm IST

नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि हाल में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत की तीनों सेनाओं में विभिन्न प्रौद्योगिकियों का एक साथ उपयोग दुनिया के लिए अध्ययन का विषय बनेगा।

उन्होंने कहा कि पहले भारत आयातित रक्षा उपकरणों पर निर्भर था, लेकिन अब रक्षाकर्मियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ज्यादातर गोला-बारूद भारत में ही बनते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह रही हूं कि हम आयात नहीं करते। राफेल का आयात किया गया है। एस-400 का आयात किया गया है। मिसाइल का आयात किया जा रहा है, लेकिन हम अपनी मिसाइल का उत्पादन भी करते हैं।’’

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सीतारमण ने यहां विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हम अपनी मिसाइल का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी रूप से करते हैं…कुछ के पेटेंट कहीं और से लिए गए हैं। ब्रह्मोस मिसाइल रूस-भारत सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।’’

सीतारमण ने कहा कि भारत के रक्षा उत्पादन में अभी भी आयातित घटक हैं, लेकिन देश बड़े पैमाने पर सटीक अभियानों के लिए उपकरणों का उत्पादन कर रहा है।

एक लेख का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक रक्षा विशेषज्ञ ने उम्मीद जताई है कि भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बाद जो कुछ हुआ है, उसके मद्देनजर अमेरिका को अब संभवतः अपने रक्षा उत्पादन को नए सिरे से तैयार करना होगा।

मंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की रक्षा उत्पादन रणनीति के कई अलग-अलग पहलुओं को सामने लाया है।

सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि तीनों सशस्त्र बलों में प्रौद्योगिकी एकीकरण में महारत ऐसी चीज है जिसका वास्तव में रक्षा विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे रक्षा बलों ने जिस पैमाने पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, उससे यह साबित होता है कि 21वीं सदी के युद्ध में, यह एक ऐसा देश है जिसने कुछ ऐसा हासिल किया है, जो किसी अन्य देश ने नहीं किया है।’’

सीतारमण ने भारत की डिजिटल भुगतान प्रणालियों की प्रगति, राज्य सरकारों द्वारा पूंजीगत व्यय, जलवायु परिवर्तन और कृत्रिम मेधा (एआई) अपनाने जैसे अन्य मुद्दों पर भी बात की।

भाषा

देवेंद्र वैभव

वैभव


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