मध्यस्थ यह तय नहीं कर सकता कि सामग्री वैध है या नहीं: ट्विटर ने उच्च न्यायालय से कहा

मध्यस्थ यह तय नहीं कर सकता कि सामग्री वैध है या नहीं: ट्विटर ने उच्च न्यायालय से कहा

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  • Publish Date - September 7, 2022 / 12:45 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ट्विटर ने दिल्ली उच्च न्यायालय से मंगलवार को कहा कि एक मध्यस्थ होने के नाते वह तय नहीं कर सकती कि उसके मंच पर पोस्ट की गई सामग्री वैध है, या नहीं।

ट्विटर ने एक हिंदू देवी के बारे में कथित आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने के खिलाफ दायर एक याचिका का जवाब देते हुए एक हलफनामे में यह दलील दी।

याचिकाकर्ता के वकील ने हलफनामे को पढ़ने और जवाब देने के लिए समय मांगा, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश एस सी शर्मा और न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 28 अक्टूबर की तारीख तय की।

उच्च न्यायालय यूजर ‘एथिस्टरिपब्लिक’ द्वारा ‘मां काली’ के बारे में कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

भाषा सिम्मी सुभाष

सुभाष