Vande Bharat: रिटायरमेंट पर ‘भागवत’ ज्ञान, क्या संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान प्रधानमंत्री मोदी के रिटायरमेंट की ओर इशारा है? देखिए रिपोर्ट
PM Modi Retirement Row: रिटायरमेंट पर 'भागवत' ज्ञान, क्या संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान प्रधानमंत्री मोदी के रिटायरमेंट की ओर इशारा है? देखिए रिपोर्ट
PM Modi Retirement Row | Photo Credit: IBC24
- संघ प्रमुख मोहन भागवत के 'रिटायरमेंट' पर बयान से शुरू हुई बहस
- कई वरिष्ठ नेताओं को इसी नियम के चलते रिटायर किया
- विपक्ष ने उठाया सवाल
नई दिल्ली: PM Modi Retirement Row संघ, भले ही पॉलिटिकल संस्था ना हो लेकिन संघ का पॉलिटिकल गलियारे पर असर साफ तौर पर दिखता है। संघ प्रमुख कुछ कहें और उसपर देशव्यापी बहस ना छिड़े मुमकिन नहीं है। मौजूदा दौर में भी संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बयान दिया। जिसे सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सीनियर नेताओं के रिटायरमेंट से जोड़ा जा रहा है। वजह है मोदी जी इसी साल 17 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे। वो बयान क्या है और उस पर इतना घमासान क्यों है?
PM Modi Retirement Row प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिटायरमेंट प्लान पर बहस एक बार फिर छिड़ गई है। जिसे हवा दी है खुद संघ मोहन भागवत ने भागवत 9 जुलाई को राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने रिटायरमेंट को लेकर जो कुछ कहा उसने कई अटकलों को जन्म दे दिया।
खास बात ये है कि खुद अमित शाह ने भी 9 जुलाई को ही एक कार्यक्रम के दौरान अपने रिटायरमेंट प्लान सामने रखा था। मोहन भागवत और अमित शाह के इन बयानों को विपक्ष ने हाथों-हाथ लिया और पीएम मोदी से स-सम्मान रिटायरमेंट और इस्तीफे की मांग कर डाली।
PM मोदी इसी साल 17 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे। मोदी के राज में ही बीजेपी में ये नियम बनाया था कि 75 साल के बाद नेता रिटायर कर दिए जाएंगे। इसी नियम के चलते बीजेपी के कई दिग्गजों लाल कृष्ण आडवानी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन और आनंदीबेन पटेल के सियासी करियर का अंत हुआ।
विपक्ष अक्सर इसी नियम के चलते पीएम मोदी के रिटायरमेंट प्लान पर सवाल करता रहा है। खासकर 2024 के लोकसभा चुनाव के समय आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया था। जिस पर अमित शाह को तब सफाई देनी पड़ी थी कि मोदी 2029 तक देश का नेतृत्व करेंगे। बहरहाल 75 साल के नियम की बात विपक्ष ने नहीं बल्कि RSS प्रमुख ने कही है। जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। अब भागवत के मन में क्या है और ये उनका इशारा है या कुछ और। इस पर कयास और बयानबाजी का दौर फिर शुरू हो चुका है।

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