भुवनेश्वर, 15 अगस्त (भाषा) ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने शुक्रवार को कहा कि पुरी स्थित 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर का प्रबंधन करने वाली श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति (एसजेटीएमसी) का एक सप्ताह के भीतर पुनर्गठन किया जाएगा।
पुरी में तिरंगा फहराने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए हरिचंदन ने कहा कि इससे मंदिर के ‘रत्न भंडार’ या खजाने की कीमती वस्तुओं की लंबित सूची बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर की प्रबंध समिति का पुनर्गठन अगले तीन से पांच दिनों या अधिकतम एक सप्ताह में किया जाएगा। फिर, समिति से मंज़ूरी मिलने के बाद, रत्न भंडार की मौजूद कीमती वस्तुओं की सूची तैयार की जाएगी।’’
हरिचंदन ने बताया कि आरबीआई ने बहुप्रतीक्षित सूचीकरण प्रक्रिया के लिए दो विशेषज्ञों को नामित किया है।
रत्न भंडार की आखिरी पूरी सूची 46 साल पहले, 1978 में तैयार की गई थी।
एसजेटीएमसी में 18 सदस्य होते हैं, जिनमें से 10 सरकार द्वारा नामित होते हैं। शेष पदेन सदस्य होते हैं, जिनमें पुरी के राजा ‘गजपति महाराजा’ दिव्यसिंह देब, अध्यक्ष हैं।
हालाकि, राज्य सरकार ने दो सितंबर, 2024 को पिछले सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से किसी को नामित नहीं किया है।
भाषा राजकुमार रंजन
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