जयललिता स्मारक: उच्च न्यायालय ने अन्नाद्रमुक की अपील खारिज की

जयललिता स्मारक: उच्च न्यायालय ने अन्नाद्रमुक की अपील खारिज की

जयललिता स्मारक: उच्च न्यायालय ने अन्नाद्रमुक की अपील खारिज की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:50 pm IST
Published Date: January 5, 2022 1:21 pm IST

चेन्नई, पांच जनवरी (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के वेदा निलायम आवास को स्मारक में बदलने के सभी आदेश रद्द करने वाले एकल न्यायाधीश के फैसले को चुनौती देने वाली तीसरे पक्ष की अपील बुधवार को खारिज कर दी। यह अपील अन्नाद्रमुक की ओर से दायर की गई थी।

न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय और न्यायमूर्ति सती कुमार सुकुमरा कुरुप की खंडपीठ ने कहा कि प्रक्रिया में कई सारी प्रक्रियागत अनिमियतताएं हैं जिनमें संपत्ति का अधिग्रहण करने से लेकर उसे स्मारक में बदलना तक शामिल है।

पिछले साल नवंबर में न्यायमूर्ति एन सेशसायी की एकल पीठ ने चेन्नई के पोइस गार्डन इलाके में स्थित दिवंगत मुख्यमंत्री के आवास को कब्जे में लेने और उसे स्मारक में बदलने समेत गत अन्नाद्रमुक सरकार के तमाम आदेशों को खारिज कर दिया था।

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पीठ ने एकल न्यायाधीश के इन विचारों से भी सहमति व्यक्त की कि दिवंगत नेता के लिए दूसरे स्मारक की जरूरत नहीं है और इसमें कोई जनहित नहीं है। न्यायाधीशों ने कहा कि इसका मकसद राजनीतिक फायदा लेना है। जयललिता का पहले से मरीना तट पर एक स्मारक है।

पीठ ने कहा कि द्रमुक सरकार को आवास का अधिग्रहण बनाए रखने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता , क्योंकि उसने एकल न्यायाधीश का फैसला स्वीकार किया है और आवास की चाबी जयललिता के करीबी रिश्तेदार जे दीपा और जे दीपक को सौंप दी है।

पीठ ने अन्नाद्रमुक के विल्लुपुरम जिला सचिव सी वी षणमुगम की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया। षणमुगम पिछली सरकार में विधि मंत्री थे।

अपील में एकल न्यायाधीश के आदेश को रद्द करने का आग्रह किया गया था। यह स्मारक जनवरी 2021 में औपचारिक रूप से खोला गया था।

भाषा

नोमान अनूप

अनूप


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