नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें रांची में भारतीय सेना की 4.55 एकड़ जमीन की बिक्री से जुड़े धनशोधन मामले में एक आरोपी को जमानत दिए जाने को चुनौती दी गई थी।
इस मामले में कथित तौर पर फर्जी संपत्ति दस्तावेज तैयार किए गए थे।
जमानत पर जेल से बाहर आए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में आरोपी हैं।
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि आरोपी दिलीप घोष को जमानत देने के झारखंड उच्च न्यायालय के 28 नवंबर, 2023 के आदेश को अन्य सह-आरोपियों के मामले में मिसाल नहीं माना जाएगा।
पीठ ने शुक्रवार को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना, बल्कि यह स्पष्ट करते हुए कि उच्च न्यायालय द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय एवं आदेश को अन्य सह-अभियुक्तों के मामले में मिसाल के तौर पर उद्धृत नहीं किया जाएगा और उसमें की गई किसी भी टिप्पणी से सुनवाई के दौरान निचली अदालत/विशेष अदालत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, हम उसमें हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं।’
हालांकि, इसने विशेष अदालत को मुकदमे में तेजी लाने का निर्देश दिया और कहा कि घोष और अन्य सह-अभियुक्तों के खिलाफ निचली अदालत द्वारा पहले ही आरोप तय किए जा चुके हैं और मुकदमा शुरू होने वाला है।
पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय को यह भी स्वतंत्रता दी कि यदि उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई जमानत शर्तों का उल्लंघन किया जाता है या उनके द्वारा कोई विलंब करने की रणनीति अपनाई जाती है, तो वह उच्च न्यायालय द्वारा घोष को दी गई जमानत रद्द करने की मांग कर सकता है।
पीठ ने आदेश दिया, ‘उपरोक्त टिप्पणियों के अधीन, यह विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है।’’
उनतीस अगस्त को संबंधित भूमि की बिक्री से संबंधित वित्तीय लेनदेन का पता लगाने के लिए घोष के बैंक स्टेटमेंट मांगे गये थे। ईडी ने दावा किया था कि भारतीय सेना की 4.55 एकड़ जमीन को फर्जी दस्तावेज बनाकर गैर-मालिकों द्वारा बेचा गया था।
जांच एजेंसी ने दलील दी थी कि रांची के बरियातू इलाके के निवासी अफसर अली और उसके साथियों ने कोलकाता के आरओए (आश्वासन (रिकॉर्ड) के रजिस्ट्रार) के कार्यालय में प्रफुल्ल बागची के नाम से एक फर्जी दस्तावेज तैयार किया, जिसमें दावा किया गया कि जमीन प्रफुल्ल बागची की है।
कुछ आरोपियों ने संपत्ति के संबंध में एक होल्डिंग नंबर प्राप्त किया और इसे मेसर्स जगतबंधु टी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड (जेटीईपीएल) को बेचने की पेशकश की, जिसके दिलीप घोष निदेशक हैं।
भाषा सुरेश माधव
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