पत्रकार गुरुमूर्ति ने अवमानना मामले में फिर से हलफनामा दायर कर माफी मांगने से इनकार किया

पत्रकार गुरुमूर्ति ने अवमानना मामले में फिर से हलफनामा दायर कर माफी मांगने से इनकार किया

पत्रकार गुरुमूर्ति ने अवमानना मामले में फिर से हलफनामा दायर कर माफी मांगने से इनकार किया
Modified Date: April 27, 2023 / 10:19 pm IST
Published Date: April 27, 2023 10:19 pm IST

(उच्च न्यायालय की तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) चेन्नई स्थित तमिल समाचार पत्रिका के संपादक गुरुमूर्ति ने न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के खिलाफ अपने ट्वीट को लेकर बिना शर्त माफी मांगने के लिए एक और हलफनामा दायर करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।

गुरुमूर्ति के वकील ने कहा कि पत्रकार पहले ही ट्वीट के संबंध में माफी मांग चुके हैं और उनके लिए यह जरूरी नहीं है कि वह एक बार फिर हलफनामा दायर कर साफ शब्दों में बिना शर्त माफी मांगें।

 ⁠

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने कहा कि वर्ष 2018 के हलफनामे में कोई माफी नहीं है और अगर पत्रकार हलफनामा दायर कर दो पंक्ति में माफी मांगते हैं तो अदालत इस मामले को खत्म कर सकती है।

पीठ ने कहा कि पहले का हलफनामा केवल मामले के गुण-दोष पर दिया गया जवाब था। तमिल पत्रिका ‘तुगलक’ के संपादक और आरएसएस के पूर्व विचारक गुरुमूर्ति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि अदालत की ओर से मामले का संज्ञान लेने के बाद ट्वीट को हटा दिया गया था।

उन्होंने कहा कि गुरुमूर्ति का अवमानना करने का कोई इरादा नहीं था और वह पीठ के सामने पेश भी हुए थे जो उस समय मामले की सुनवाई कर रही थी।

पीठ ने कहा कि पत्रकार हलफनामा दाखिल करके खेद व्यक्त कर सकते हैं और मामला समाप्त हो जाएगा। इस पर जेठमलानी ने कहा कि वह अपने मुवक्किल को ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।

पीठ ने तब कहा कि वह छह जुलाई को गुण-दोष के आधार पर मामले की सुनवाई करेगी। इससे पहले मार्च 2018 में, उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने के अपने फैसले के संबंध में पत्रकार के कुछ ट्वीट को ‘शरारतपूर्ण’ करार दिया था।

भाषा

नोमान संतोष

संतोष


लेखक के बारे में