Jyotiraditya Scindia Interview : 10 साल पहले ही PM मोदी ने कर दी थी डिजिटल क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन की भविष्यवाणी, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पेश किए हैरान करने वाले आंकड़े
Jyotiraditya Scindia Interview: यह डिजिटल हाईवे अदृश्य है, इनविजिबल है, पर अदृश्य होते हुए भी इसमें जो क्षमता है। सामान्य मानवीय के जीवन को परिवर्तित करने के लिए यह एक अलौकिक क्षमता इस डिजिटल हाईवे की है।
Jyotiraditya Scindia Interview, image source: IANS
- 10 साल पहले ही पीएम मोदी ने कर दी थी भविष्यवाणी
- डिजिटल ट्रांजैक्शंस का लीडर बन चुका है भारत
- भारत ने यूपीआई और डीबीटी का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया
नईदिल्ली: Jyotiraditya Scindia Interview केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक न्यूज एजेंसी IANS से बातचीत में मोदी सरकार के 11 साल पूरे पर कई उपलब्ध्यिां गिनाई है। डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरा होने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस डिजिटल क्षेत्र की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि जो क्रांतिकारी परिवर्तन विश्व में आया था, वह एक कालखंड था जब औद्योगिक क्रांति विश्व में आई थी। करीब 100 साल पूर्व और उस समय सड़कें बनी थी। विश्व में उस समय रेलरोड बने थे, विश्व में सड़कें और रेल रोड बनने से एक औद्योगिक क्रांति की शुरुआत और उसकी बुनियाद उस अधोसंरचना के आधार पर बनी थी। इस सदी में, इस कालखंड में और इस युग में सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल क्रांति भी वैसे ही एक रोड और हाईवे की निर्माण की कथा है। अंतर केवल एक है कि वह रोड और वह रेल रोड सभी के आंखों के सामने होता था, क्योंकि वह स्थायी साधन है। यह डिजिटल हाईवे अदृश्य है, इनविजिबल है, पर अदृश्य होते हुए भी इसमें जो क्षमता है। सामान्य मानवीय के जीवन को परिवर्तित करने के लिए यह एक अलौकिक क्षमता इस डिजिटल हाईवे की है।
10 साल पहले ही पीएम मोदी ने कर दी थी भविष्यवाणी
Jyotiraditya Scindia Interview, सिंधिया ने कहा ‘मैं धन्यवाद अर्पित करना चाहता हूं, देश का नागरिक होने के नाते और बधाई भी देना चाहता हूं प्रधानमंत्री जी को कि 10 साल पहले ही उन्होंने इस क्रांतिकारी परिवर्तन की भविष्यवाणी केवल नहीं की, बल्कि एक पूरी स्ट्रैटिजी बनाई कि कैसे भारत इस डिजिटल क्रांति, सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति में एक नया अग्रसर शक्ति के रूप में विश्व का नेतृत्व करेगा और उदाहरण के तौर पर आपके सामने कुछ अंश और आंकड़े मैं पेश करना चाहता हूं। जिस देश में केवल 90 करोड़ हमारे मोबाइल के उपभोक्ता थे, आज 120 करोड़ मोबाइल के उपभोक्ता बन चुके। जिस देश में केवल 25 करोड़ इंटरनेट की कनेक्शंस होती थी, आज उसी देश में करीब करीब 100 करोड़ इंटरनेट की कनेक्शंस बन चुके हैं। जिस देश में केवल 6 करोड़ ब्रॉडबैंड के कनेक्शन, ब्रॉडबैंड मतलब दो जीबी से ज्यादा आज उस देश में 10 साल में 94 करोड़ ब्रॉडबैंड के कनेक्शंस बन चुके हैं।’
भारत ने यूपीआई और डीबीटी का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया
Jyotiraditya Scindia Interview on digital india, यह एक सामान्य परिवर्तन नहीं है। यह एक सेटरिंग परिवर्तन है। और इस परिवर्तन के आधार पर क्या हुआ है? यह केवल सूचना दूर संचार की क्रांति नहीं है। सूचना और दूरसंचार क्रांति के आधार पर, क्योंकि इस डब्बे के अंदर आज पूरा विश्व आपके हाथ में आ जाता है, पूरे विश्व के साथ आप कनेक्टेड होते हैं और पूरा विश्व आपके साथ कनेक्टेड हो जाता है। और इसका क्या? बिना मतलब आपकी आर्थिक प्रगति, आपका आर्थिक विकास? सरकार के द्वारा जो राशि आपको दी जानी चाहिए वह डब्बे के द्वारा दिया जाता है। आपको जो व्यापार करना है, वह आप डब्बे से पूरे विश्व के साथ कर सकते हो और पूरा विश्व आप को जान सकता है और उसी के आधार पर आज भारत ने यूपीआई और डीबीटी का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
डिजिटल ट्रांजैक्शंस का लीडर बन चुका है भारत
आज विश्व के करीब करीब 21 परसेंट, 40% हम लोगों के विश्व के ट्रांजैक्शंस डिजिटल ट्रांजैक्शन भारत में होते हैं। करीब करीब 1.7 बिलियन ट्रांजैक्शंस भारत में होते हैं। प्रतिवर्ष और करीब करीब 3 ट्रिलियन डॉलर के ट्रांजैक्शन भारत में होते हैं, तो भारत आज एक फॉलोवर नहीं है। भारत आज डिजिटल ट्रांजैक्शंस का लीडर बन चुका है और इसका श्रेय अगर किसी को जाता है यह डिजिटल हाईवे का निर्माण करने का। हर एक को कनेक्ट करने का। सरकार को एक एक भूमिका तय करनी। डिजिटल ट्रांजैक्शन का निर्माण करने के लिए यूपीआई डीबीटी के आधार पर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जाती है। उसी के साथ जो कॉस्ट, क्योंकि हर चीज का एक ट्रांजैक्शन कॉस्ट होता है। आज डेटा का कॉस्ट जो 10 साल पहले ₹290 प्रति जीबी होता था, आज वह घटकर करीब करीब साढ़े ₹9 प्रति जीबी तक सीमित हो गया है। मतलब 95% की गिरावट आई है कॉस्ट में, और विश्व का अगर आप रेट देखो तो डेटा का ढाई डॉलर पर जीबी का रेट विश्व का है। भारत का उसका साढ़े ₹9 है। तो आज अपनी क्षमता के आधार पर भारत विश्व का डेटा बैंक का और डाटा का लीडर हो सकता है।

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