चेन्नई, चार जून (भाषा) पुलिस सेवा में ‘सिंघम’ के नाम से मशहूर रहे तेज-तर्रार पूर्व आईपीएस अधिकारी के. अन्नामलाई ने तमिलनाडु में भाजपा का जनाधार बढ़ाने का ऐसा कठिन काम अपने हाथों में लिया जिसे राजनीतिक पंडित लगभग असंभव मानते थे किंतु उनकी पदयात्रा से निश्चित ही इस दक्षिणी राज्य में उनकी पार्टी के पक्ष में कुछ हवा बनाने में मदद मिली।
कोयम्बटूर लोकसभा सीट पर अन्नामलाई ने तगड़ी टक्कर दी और स्वयं भले ही दूसरे स्थान पर रहे लेकिन उन्हेांने अन्नाद्रमुक के एस जी रामचंद्रन को तीसरे स्थान पर धकेल दिया। शाम को सात बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, द्रमुक के गणपति पी राजकुमार, भाजपा नेता से 79,824 मतों से आगे चल रहे हैं।
अन्नामलाई पुलिस अधिकारी की रुतबे वाली नौकरी छोड़कर 25 अगस्त 2020 को भाजपा में शामिल हुए थे। तमिलनाडु के करूर जिले के निवासी और एक साधारण कृषक परिवार में पैदा हुए अन्नामलाई कोंगु-वेल्लार जाति से संबंध रखते हैं। पुलिस सेवा में वह ‘सिंघम’ के नाम से जाने जाते थे।
अन्नामलाई स्वयं को ‘उंगल वेट्टू’ और ‘उंगल थम्बी’ (आपका बेटा और आपका छोटा भाई) कहते हैं।
भाजपा ने नौ जुलाई, 2021 को महज 36 वर्ष की आयु में के. अन्नामलाई (कुप्पुसामी अन्नामलाई) को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद से वह राज्य में भाजपा का जनाधार बढ़ाने के लिए अथक प्रयास करते रहे हैं और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उनके इस परिश्रम से प्रसन्न बताया जाता है।
अन्नामलाई के प्रयास भाजपा को तमिलनाडु में भले ही कोई सीट दिलाने में सफल नहीं हुए लेकिन वोट में पार्टी की 11.01 प्रतिशत हिस्सेदारी का श्रेय युवा नेता को दिया जा सकता है।
अन्नामलाई तब भी काफी चर्चा में रहे थे जब उन्होंने द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई पर टिप्पणी की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि अन्नादुरई ने 1956 में मदुरै में एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म का अपमान किया था। उन्होंने कहा था कि अन्नादुरई को अपनी टिप्पणी के बाद मदुरै में छिपना पड़ा था और जब तक माफी नहीं मांगी, तब तक वो बाहर नहीं आ सके थे।
उनके इस बयान को लेकर अन्नाद्रमुक में भारी नाराजगी थी और इसने अन्नामलाई से माफी मांगने को कहा था। अन्नामलाई ने माफी नहीं मांगी और उनकी पार्टी भी उनके साथ खड़ी रही। कहा जाता है कि तमिलनाडु में भाजपा और अन्नाद्रमुक का गठबंधन टूटने का कारण अन्नामलाई की यह टिप्पणी भी रही।
पुलिस सेवा में विभिन्न पदों पर रहे अन्नामलाई ने लोगों और पुलिस के बीच संपर्क को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए जिससे वह एक लोकप्रिय अधिकारी बन गए। साल 2016 और 2018 में कर्नाटक के उडुपी और चिकमंगलूर जिलों में लोगों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर उनके तबादले के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
पुलिस सेवा से 2019 में इस्तीफा देने के समय अन्नामलाई बेंगलुरु (दक्षिण) में पुलिस उपायुक्त के रूप में तैनात थे।
अन्नामलाई ने कोयंबटूर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इसके बाद एमबीए की पढ़ाई करने भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) लखनऊ गए। बाद में उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा दी और भारतीय पुलिस सेवा में उनका चयन हो गया।
विधानसभा चुनाव में अरवाकुरिची सीट से हार का सामना कर चुके अन्नामलाई लोकसभा चुनाव में कोयंबटूर से चुनावी मैदान में हैं।
उन्होंने तमिलनाडु में भाजपा का जनाधार बढ़ाने के लिए सात महीने तक पदयात्रा भी की और इस दौरान राज्य के 39 संसदीय क्षेत्रों तथा 234 विधानसभा क्षेत्रों में 1,770 किलोमीटर की दूरी तय की।
भाषा नेत्रपाल माधव नेत्रपाल नरेश
नरेश