नई दिल्ली । काबुल के काज एजुकेशनल सेंटर में हुए आतंकी हमले में 60 से अधिक लोग मारे गए। ये घटना बेहद भयानक और झंझोड़ कर रख देने वाली है। इस हमले ने विश्व को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है। अत्याधुनिक हथियारों से लैस होने के बावजूद ऐसे हमले ना सिर्फ काबुल बल्कि पूरे विश्व के लिए बेहद खतरनाक है। शनिवार को भारत ने इस आंतकी हमले की कड़ी निंदा की। इस विषय में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा हम काबुल के दश्त-ए-बारची में काज एजुकेशनल सेंटर में कल हुए आतंकी हमले से दुखी हैं और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। भारत शैक्षिक स्थानों पर निर्दोष छात्रों को लगातार निशाना बनाए जाने की कड़ी निंदा करता है।” अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में कहा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने काबुल शैक्षिक केंद्र पर जघन्य हमले की निंदा की – मुख्य रूप से हजारा शिया क्षेत्र – जिसमें कई लोग हताहत हुए।
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उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। “शिक्षा एक मौलिक अधिकार है और स्थायी शांति और विकास के लिए एक आवश्यक चालक है,” उन्होंने कहा। आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने फिर से पुष्टि की कि आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने आतंकवाद के इन निंदनीय कृत्यों के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
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